Narasimha Jayanti 2024 Wishes: शुभ नरसिंह जयंती! इन मनमोहक WhatsApp Stickers, Facebook Messages, GIF Greetings को भेजकर दें बधाई
नरसिंह जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)

Narasimha Jayanti 2024 Wishes in Hindi: हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को नरसिंह जयंती (Narsingh Jayanti) का त्योहार मनाया जाता है, जिसे नरसिम्हा जयंती (Narasimha Jayanti) या नृसिंह जयंती भी कहा जाता है. इस साल 21 मई 2024, मंगलवार को नरसिंह जयंती मनाई जा रही है. ऐसी मान्यता है कि नृसिंह, भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) के चौथे अवतार हैं, जिनका आधा शरीर मानव और आधा शरीर सिंह का है, इसलिए उन्हें नृसिंह कहा जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान नरसिम्हा की विधि-विधान से पूजा करने पर भक्तों के सारे संकट दूर होते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लेकर न सिर्फ अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा की थी, बल्कि उन्होंने हिरण्यकश्यप का वध करके बुराई का नाश भी किया था, इसलिए इसे बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व भी माना जाता है.

अपने परम भक्त प्रह्लाद की रक्षा करने के लिए श्रीहरि ने वैशाख शुक्ल चतुर्दशी के दिन नृसिंह अवतार लिया था, इसलिए इस तिथि पर सदियों से नरसिंह जयंती मनाने की परंपरा चली आ रही है. इस दिन भगवान नरसिंह की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है और शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान किया जाता है. ऐसे में इस अवसर पर इन मनमोहक विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स को भेजकर शुभ नरसिंह जयंती कह सकते हैं.

1- ​भगवान विष्णु के चौथे अवतार भगवान नरसिंह जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं
नरसिंह जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)

2- नरसिंह अवतार लेकर दैत्यराज हिरण्यकशिपु का वध कर धर्म की रक्षा करने वाले भगवान नरसिंह जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं

नरसिंह जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)

3- कहने की जरूरत नहीं, आना ही बहुत है, नरसिंह भक्ति में तेरा शीश झुकाना ही बहुत है. शुभ नरसिंह जयंती

नरसिंह जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)

4- भगवान नृसिंह के अवतरण दिवस की हार्दिक मंगल शुभकामनाएं

नरसिंह जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)

5- दैत्यराज हिरण्यकशिपु के अत्याचारों अपने भक्त की रक्षा करने वाले भगवान नरसिंह जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं

नरसिंह जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हिरण्यकश्यप ने भगवान ब्रह्मा की तपस्या करके देवता, मनुष्य, अस्त्र-शस्त्र या पशु आदि से न मरने का वरदान प्राप्त किया था. इस वरदान को प्राप्त करने के बाद वो अपनी पूजा करवाने लगा और जो कोई भगवान की पूजा करता था, उसे कठोर दंड देने लगा. हिरण्यकश्यप के पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु के परम भक्त थे, इसलिए वो अपने पुत्र को तरह-तरह के कष्ट देने लगा. ऐसे में अपने परम भक्त प्रह्लाद की रक्षा करने के लिए भगवान विष्णु खंभे के भीतर नृसिंह के रूप में प्रकट हुए थे और उन्होंने क्षण भर में अपनी जांघों पर लेकर हिरण्यकश्यप के सीने को अपने नाखूनों से फाड़कर उसका संहार कर दिया, तब से हर साल नृसिंह जंयती को धूमधाम से मनाया जा रहा है.