Narada Jayanti 2024 Wishes: हैप्पी नारद जयंती! प्रियजनों संग शेयर करें ये शानदार हिंदी WhatsApp Stickers, GIF Greetings, HD Images और वॉलपेपर्स
नारद जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)

Narada Jayanti 2024 Wishes in Hindi: जगत के पालनहार भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) के परम भक्त और इस सृष्टि के पहले पत्रकार महर्षि नारद (Maharishi Narad) की जयंती हर साल ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाई जाती है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस साल 24 मई 2024, शुक्रवार को नारद जयंती (Narad Jayanti) मनाई जा रही है. नारद जयंती के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करके व्रत का संकल्प लेना चाहिए, फिर साफ-सुथरे वस्त्र पहनकर नारद मुनि की पूजा-अर्चना करनी चाहिए. पूजन के दौरान उन्हें चंदन, तुलसी दल, कुमकुम, फूल और मिठाई अर्पित करना चाहिए, फिर शाम को पूजा करने के बाद भगवान विष्णु की आरती करनी चाहिए. ऐसी मान्यता है कि नारद जयंती के दिन दान-पुण्य करने से नारद मुनि के साथ-साथ भगवान विष्णु की कृपा भी भक्तों को प्राप्त होती है.

देवर्षि नारद को श्रुति-स्मृति, इतिहास, पुराण, व्याकरण, वेदांग, संगीत, खगोल-भूगोल, ज्योतिष और योग जैसे कई शास्‍त्रों का प्रकांड विद्वान माना जाता है. नारद मुनि पृथ्वी, आकाश और पाताल लोक में देवी-देवताओं और असुरों तक संदेश पहुंचाया करते थे. नारद जयंती के खास अवसर पर आप इन शानदार विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस और वॉलपेपर्स को भेजकर बधाई दे सकते हैं.

1- ​नारद जयंती की शुभकामनाएं

नारद जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)

2- नारद जयंती की हार्दिक बधाई

नारद जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)

2- नारद जयंती की हार्दिक बधाई

नारद जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)

3- हैप्पी नारद जयंती

नारद जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)

4- शुभ नारद जयंती

नारद जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)

5- नारद जयंती 2024

नारद जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)

कहा जाता है कि भगवान विष्णु के परम भक्त महर्षि नारद भक्तों की पुकार श्रीहरि तक पहुंचाते हैं. उन्हें सृष्टि का पहला पत्रकार माना जाता है, क्योंकि वे सूचनाओं को फैलाने के लिए पूरे ब्रह्मांड का भ्रमण किया करते थे. नारद मुनि ब्रह्मांड में घट रही सभी घटनाओं की जानकारी एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाते थे. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, उनका जन्म ब्रह्मा जी की गोद से हुआ था, उन्होंने ब्रह्माजी का मानस पुत्र बनने के लिए कड़ी तपस्या की थी. ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार नारद जी ने कभी विवाह नहीं किया था.