Narada Jayanti 2020 Wishes And Greetings In Hindi: आज (8 मई 2020) देशभर में सृष्टि के पहले प्रत्रकार देवर्षि नारद मुनि (Devrishi Narad) का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. नारद जयंती (Narada Jayanti) का पर्व हर साल वैशाख मास के कृष्ण प्रतिपदा के दिन मनाया जाता है. नारद मुनि (Narada Muni) को देवताओं का संदेशवाहक कहा जाता है, क्योंकि वे तीनों लोकों में संवाद का माध्यम बनते थे और जानकारियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाते थे. नारायण-नारायण कहकर अपने संवाद की शुरुआत करने वाले देवर्षि नारद के आराध्य देव भगवान विष्णु हैं. उनके एक हाथ में सदैव वीणा रहती है, जबकि दूसरे हाथ में वाद्य यंत्र है. पौराणिक कथा के अनुसार, नारद मुनि ब्रह्माजी के मानस पुत्र हैं और इसके लिए उन्होंने पिछले जन्मों में कड़ी तपस्या की थी.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, राजा दक्ष के सभी पुत्रों को नारद मुनि ने मोह माया से विरक्त होने का पाढ़ पढ़ाया और उन्हें मोक्ष की शिक्षा दी थी, जिसके कारण उनके सभी पुत्रों को अपने माता-पिता के लिए कोई मोह माया नहीं रही, तब राजा दक्ष ने क्रोधित होकर नारद जी को आजीवन अविवाहित रहने और इधर-उधर भटकने का श्राप दे दिया, कहा जाता है कि इस श्राप के चलते ही नारद मुनि का कभी विवाह न हो सका.
नारद जंयती का पर्व हिंदू धर्म में हर्षोल्लास से मनाया जाता है, लेकिन इस साल कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जारी लॉकडाउन के चलते लोग इस पर्व को सादगी से मना रहे हैं. ऐसे में आप अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और करीबियों को घर पर रहते हुए सोशल मीडिया के जरिए इन आकर्षक हिंदी जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेज, एचडी फोटोज, विशेज और इमेज के जरिए नारद जयंती की बधाई दे सकते हैं. यह भी पढ़ें: Happy Narada Jayanti 2020 Wishes: नारद जयंती के शुभ अवसर पर इन प्यारे हिंदी WhatsApp Stickers, Facebook Messages, GIF Greetings, SMS, Quotes, Wallpapers के जरिए दें प्रियजनों को शुभकामनाएं
1- नारद जयंती की शुभकामनाएं
2- नारद जयंती की हार्दिक बधाई
3- हैप्पी नारद जयंती
4- नारद जयंती 2020
5- आपको और आपके परिवार को नारद जयंती की शुभकामनाएं
गौरतलब है कि नारद जयंती के दिन भक्त श्रद्धापूर्वक विधि-विधान से देवर्षि नारद की पूजा करते हैं. इस दिन कई लोग उपवास रखते हैं और दाल या अनाज का सेवन करने से परहेज करते हैं. देवर्षि नारद की पूजा-अर्चना करने के बाद भक्त भगवान विष्णु की आरती करते हैं. माना जाता है कि इस दिन ब्राह्मणों को भोजन, कपड़े और दक्षिणा भेंट करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है और देवर्षि नारद ऐसा करने से अपने भक्तों पर प्रसन्न होते हैं.