भगवान शिव के गले का हार होने के कारण हिंदू धर्म में सांप को भी देवतुल्य (नाग देवता) स्थान दिया गया है. हिंदू पंचांग में सर्प-पूजा के लिए नागपंचमी की विशेष तिथि निर्धारित है. सावन मास में दो नागपंचमी पड़ती है, एक कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में. नागपंचमी का मूल पर्व शुक्ल पक्ष में पड़ता है. इस वर्ष नागपंचमी की तिथियों पर कुछ दुविधा है कि यह 21 अगस्त को है या 22 अगस्त को? आइये जानते हैं नागपंचमी की मूल तिथि और इस दिन होने वाले आध्यात्मिक कर्मकांड के बारे में. ज्योतिषियों का मानना है कि जिन जातकों की कुंडली में सर्प दोष होता है, नागपंचमी के दिन आवश्यक पूजा-अनुष्ठान कराने से उसका प्रभाव कम हो जाता है. यह भी पढ़ें: Ravi Pradosh Vrat 2023: असाध्य बीमारियां एवं विशेष सिद्धि प्राप्ति के बन रहे योग में करें अभीष्ठ अनुष्ठान! जानें क्या हैं विशेष योग?
सनातन मान्यताओं के अनुसार नागपंचमी पर परिवार की सुरक्षा और नागों की पूजा विधि-विधान से की जाती है, इस दिन नागों की पूजा करने से नागों का भय समाप्त हो जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प का योग होता है, उसे नागपंचमी के दिन शास्त्रीय विधि से पूजा करना चाहिए, इससे प्रभावित जातक के सारे दोष मिट जाते हैं. इस दिन के महात्म्य का अहसास इसी से हो जाता है कि उज्जैन का नागेश्वर मंदिर का कपाट साल में सिर्फ नागपंचमी के दिन ही खुलता है, और इस दरमियान सर्पराज की दर्शन करने से भी कालसर्प का दोष शांत होता है. इस दिन सर्प को दूध पिलाने से दैवीय कृपा प्राप्त होती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सांपों को चंद्र नोड्स (राहु और केतु) से जोड़ा जाता है. इसलिए इस दिन पूजा-अनुष्ठान करने से कालसर्प के दोष से मुक्ति मिलती है.
नाग पंचमी पूजा-विधि
सावन मास की पंचमी को नाग पंचमी के उपलक्ष्य में नागराज वासुकि, अनंत, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट और शंख की पूजा की जाती है. नाग पंचमी का व्रत रखने वालों को चतुर्थी के दिन एक समय भोजन करना चाहिए. नागपंचमी पर पूजा के दिन एक स्वच्छ चौकी पर मिट्टी से नाग देवता की प्रतिमा बनाएं. इसके पश्चात नाग देवता पर हल्दी, सिंदूर, चावल, पुष्प, अक्षत और रोली अर्पित करें. कच्चे दूध में घी, शक्कर मिलाकर नाग देवता का अभिषेक करें. एवं निम्न मंत्र का उच्चारण करें.
ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।
तत्पश्चात नाग देवता की कथा और पाठ करें, और आरती उतारें. इसके बाद किसी ब्राह्मण अथवा गरीब को भोजन दान करने के बाद व्रत का पारण करें. सांप की पूजा करने वाले को सांप किसी भी तरह से नुकसान पहुंचाने की कोशिश से बचना चाहिए. ऐसा करने से दोष लगता है.
काल सर्प दोष से मुक्ति का दिन!
कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति नाग पंचमी के दिन विशेष अनुष्ठान करके उससे मुक्ति पा सकते हैं. इस दिन पीड़ित व्यक्ति को चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा बनाकर पुरोहित से पूजा करवाए, इसके पश्चात नाग-नागिन के जोड़े को बहती नदी में प्रवाहित कर दे. ऐसा करने से कालसर्प दोष के नकारात्मक प्रभाव मिट जाता है.
नाग पंचमी की तिथि और शुभ मुहूर्त
सावन मास शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि प्रारंभः 12.20 AM (21 अगस्त 2023, सोमवार)
सावन माह शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि समाप्तः 02.00 AM (22 अगस्त 2023, मंगलवार)
सूर्योदय की तिथि के अनुसार इस बार नागपंचमी 21 अगस्त सोमवार को मनाई जाएगी, 22 अगस्त को नहीं.
नागपंचमी पूजा का समयः 05.53 AM से 08.29 AM (21 अगस्त 2023, सोमवार) तक
अभिजीत मुहूर्तः 11.58 AM से 12. 50 PM (21 अगस्त 2023, सोमवार) तक है.