Ravi Pradosh Vrat 2023: असाध्य बीमारियां एवं विशेष सिद्धि प्राप्ति के बन रहे योग में करें अभीष्ठ अनुष्ठान! जानें क्या हैं विशेष योग?
प्रदोष व्रत (Photo: File Image)

सनातन धर्म में सावन को सर्वश्रेष्ठ और सर्व फलदायक माह माना जाता है, इस वर्ष अधिक मास में सावन पड़ने से जहां 59 दिन का सावन होने से इसका महात्म्य कई गुना बढ़ा है, वहीं इस माह के दूसरे प्रदोष में बन रहे विशेष योगों से ज्योतिष शास्त्री काफी आशान्वित और हर्षित हैं. उनका मानना है कि सावन अधिक मास का प्रदोष व्रत रखने और भगवान शिव की विधि-विधान से व्रत एवं पूजा करने से जातक के सारे पाप कट जायेंगे, जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आयेगी. इस बार सावन अधिक मास का दूसरा प्रदोष 13 अगस्त 2023, रविवार को पड़ रहा है. रविवार को प्रदोष होने से इसे रवि-प्रदोष के नाम से पूजा जाएगा. आइये जानें क्या है इस सावन कृष्ण पक्ष के दूसरे प्रदोष में बनने वाले विशेष योगों का महत्व. यह भी पढ़ें: Mangala Gauri Vrat 2023: सावन अधिमास के चौथे मंगला गौरी व्रत का महत्व! विवाह एवं संतान-प्राप्ति हेतु करें विशेष पूजा और उपाय!

अधिक मास प्रदोष नक्षत्र पूजा महत्व

ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार सावन अधिक मास के इस दूसरे प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा काल में सिद्धि योग और पुनर्वसु नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है. ये दोनों ही स्थितियां अत्यंत शुभ फलदायी देती हैं. पुनर्वसु नक्षत्र धन, मान, सम्मान और प्रसिद्धि देने वाला है और इसका स्वामी बृहस्पति है, जबकि सिद्धि योग में किए गए कार्यों का शुभ फल प्राप्त होता है. इस समय किये जाने वाले कोई भी कार्य बेहद शुभ परिणाम देते हैं. छात्रों के लिए यह समय अपनी विद्या में प्रगति को पाने के लिए भी उत्तम है, वहीं सिद्धि पुरुषों के लिए यह ऐसी स्थिति है कि शिवजी का विशेष अनुष्ठान करके इच्छित सिद्धियां प्राप्त की जा सकती हैं. जो लोग गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं, इस काल में किसी योग्य पुरोहित से महामृत्युंजय जाप करवाने से रोग से राहत मिलती है, इस काल में जो जातक रुद्राभिषेक करवाते हैं. उनकी भी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

अधिक मास की मूल तिथि एवं मुहूर्त

अधिक मास त्रयोदशी प्रारंभः 08.19 AM (13 अगस्त 2023, रविवार) से.

रवि प्रदोष का व्रत 03.56 AM से अगले दिन (14 अगस्त 2023 सोमवार) तक रहेगा.

शिव पूजा का शुभ काल 07.03 PM से शुरू होगा. इस शुभ काल में भगवान शिव की कोई भी पूजा अति फलदायी साबित होती है.