Islamic New Year 2021: शिया मुस्लिम समुदाय अली के बेटे हुसैन इब्न अली और कर्बला युद्ध से पैगंबर मुहम्मद के पोते के निधन पर शोक व्यक्त करता है. कर्बला इराक में तीर्थयात्रा का एक प्रसिद्ध गंतव्य है. हुसैन इब्न अली 680 ई. में कर्बला में शहीद हुए थे. वे आखिरी तक यज़ीद प्रथम की सेना से लड़ते रहे और अंत में युद्ध में शहीद हो गए. मुहर्रम का 10 वां दिन, आशूरा का दिन, हुसैन के बहादुर बलिदान को याद करने का अवसर है. आशूरा का दिन मुसलमानों के लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बताया जाता है कि इस दिन मूसा और उनके अनुयायियों ने मिस्र के फ़राओ (Pharaoh) पर विजय प्राप्त की थी. मुहर्रम को शिया मुसलमानों के समुदाय द्वारा हज़रत इमाम हुसैन की शहादत को याद करने और शोक करने की अवधि माना जाता है, मुहर्रम की पहली रात से शोक शुरू होता है और अगले 2 महीने और 8 दिनों तक जारी रहता. त्योहार के पहले दस दिनों को अधिक महत्व दिया जाता है.
मोहर्रम के दिन समुदाय के लोगकाले कपड़े पहनते हैं और नमाज अदा करता है. काला रंग शोक के रंग को दर्शाता है. दसवें दिन शिया मुसलमान सड़कों पर जुलूस निकालते हैं. वे सड़कों पर नंगे पांव चलते हैं और इस दिन हुसैन की शहादत के दुःख में जोर जोर से रोते हैं. महर्रम का दसवां दिन, अंतिम दिन, देश में राजपत्रित अवकाश होता है. इसलिए उस दिन डाकघर, बैंक और सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे. इस्लामिक व्यवसाय और स्टोर बंद रहते हैं. इस बड़ी परेड, मार्च और प्रार्थना सभाओं के कारण स्थानीय यातायात बाधित हो सकता है. त्योहार के दौरान मुस्लिम बहुल इलाकों को ट्रैफिक की समस्या का सामना करना पड़ सकता है. इस दिन मुसलमान लोग अपने प्रियजनों को शायरी और मैसेजेस भेजकर इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हैं.
1. फिर आज हक के लिए
जान फिदा करे कोई विज्ञापन
वफा भी झूम उठे यूं, वफा करे कोई,
नमाज 1400 सालों से इंतजार में है,
हुसैन की तरह मुझ को अदा करे कोई.
2. आंखों को कोई ख्वाब तो दिखाई दे,
तसबरा में इमाम का जलवा दिखाई दे,
ऐ इब्न-ए-मुर्तज़ा तेरे सामने सूरज भी
एक छोटा सा जर्रा दिखाई दे.
3. जन्नत की आरजू में कहां जा रहे हैं लोग,
जन्नत तो करबला में खरीदी हुसैन ने,
दुनिया-ओ-आंखिरत में जो रहना हो चैन से
जीना अली से सीखो मरना हुसैन से.
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4. सजदे से कर्बाला को बंदगी मिल गई
सबर से उम्मत को जिंदगी मिल गई,
एक चमन फातीमा का उजड़ा मगर
सारे इस्लाम को जिंदगी मिल गई.
5. कर्बला वालों का गम
करबला वालों का गम घर घर में मनाया जाएगा
मक्सद-ए-शबीर आलम को बताया जाएगा
याद कर के जो ना रोया करबला वालों की प्यास
कब्र से तिश्ना वो मेहशर में उठाया जाएगा
मुहर्रम सबसे महत्वपूर्ण इस्लामी त्योहारों में से एक है. यह त्योहार देश के सभी हिस्सों में मुसलमानों द्वारा मनाया जाता है. कर्नाटक, केरल और आंध्र प्रदेश ये तीन भारतीय राज्य हैं, जो मुहर्रम त्योहार मनाने के लिए प्रसिद्ध हैं. यदि आप त्योहार के दौरान यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो त्योहार की असली सुंदरता का आनंद लेने के लिए इन तीन राज्यों की यात्रा करने पर विचार करें.