Mokshada Ekadashi 2021 HD Images: मोक्षदा एकादशी पर श्रीहरि के इन मनमोहक WhatsApp Wishes, Facebook Greetings, GIFs, Photos, Wallpapers को भेजकर दें बधाई
मोक्षदा एकादशी 2021 (Photo Credits: File Image)

Mokshada Ekadashi 2021 HD Images: मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi) के नाम से जाना जाता है. आज यानी 14 दिसंबर 2021 को मोक्षदा एकादशी मनाई जा रही है. इस दिन व्रत रखकर विधि-विधान से भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा की जाती है. इस व्रत को हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण व्रतों में से एक माना गया है. मान्यता है कि मोक्षदा एकादशी के व्रत से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही इस व्रत के प्रभाव से जीवन में आनेवाली समस्त समस्याओं का समाधान होता है. मान्यता है कि मार्गशीर्ष मास भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण को अत्यंत प्रिय है, इसलिए इस दिन उनका पूजन करना भी अत्यंत फलदायी माना जाता है.

कहा जाता है कि मोक्षदा एकादशी के व्रत से रोग, दरिद्रता, तनाव और कलह जैसी समस्याएं दूर होती हैं. इस व्रत को विधि-पूर्वक करने से पितृ भी प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं. मोक्षदा एकादशी के इस पावन अवसर पर आप श्रीहरि के इन मनमोहक एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक ग्रीटिंग्स, जीआईएफ, फोटोज, वॉलपेपर्स को भेजकर हार्दिक बधाई दे सकते हैं.

1- मोक्षदा एकादशी 2021

मोक्षदा एकादशी 2021 (Photo Credits: File Image)

2- मोक्षदा एकादशी 2021

मोक्षदा एकादशी 2021 (Photo Credits: File Image)

3- मोक्षदा एकादशी 2021

मोक्षदा एकादशी 2021 (Photo Credits: File Image)

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4- मोक्षदा एकादशी 2021

मोक्षदा एकादशी 2021 (Photo Credits: File Image)

5- मोक्षदा एकादशी 2021

मोक्षदा एकादशी 2021 (Photo Credits: File Image)

मोक्षदा एकादशी के व्रत के नियमों का पालन दशमी तिथि से शुरु हो जाता है, फिर एकादशी तिथि को सुबह जल्दी उठकर स्नानादि के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए. अब पूजा स्थल पर गंगाजल छिड़क कर उसे पवित्र करें और भगवान विष्णु का गंगाजल से अभिषेक करें. इसके बाद उन्हें रोली, चंदन, अक्षत आदि अर्पित करने के बाद पीले फूलों से उनका श्रृंगार करें. पूजन में श्रीहरि को तुलसी दल चढ़ाएं और उन्हें भोग अर्पित करें. इस दिन विष्णुसहस्त्रनाम, गीता का पाठ और श्रीहरि के मंत्रों का जप करना चाहिए.