Martyrs' Day 2022 Messages in Hindi: सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की इस साल 74वीं पुण्यतिथि (74th Death Anniversary of Mahatma Gandhi) मनाई जा रही है. दरअसल, 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने उनकी हत्या कर दी थी. यह भारत के इतिहास का वो काला दिन है, जब सत्य और अंहिसा के पुजारी बापू इस दुनिया को अलविदा कह गए थे. आज भी जब गांधी जी की हत्या का जिक्र होता है तो हमारे जहन में सिर्फ और सिर्फ नाथूराम गोडसे की तस्वीर उभरकर आती है. 30 जनवरी 1948 की शाम करीब 5.17 बजे महात्मा गांधी दिल्ली के बिड़ला भवनमें शाम की प्रार्थना के लिए जा रहे थे, तभी नाथूराम गोडसे ने पहले उनके पैर छुए, फिर अपनी सेमी ऑटोमैटिक पिस्टल से एक-एक कर तीन गोलियां उनके सीने में दाग दी.
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देश की आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और जीवन भर वो सत्य व अहिंसा के मार्ग पर चले. उनकी पुण्यतिथि को शहीद दिवस के तौर पर हर साल 30 जनवरी को मनाया जाता है. ऐसे में आप शहीद दिवस पर इन हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, कोट्स, जीआईएफ इमेजेस को अपनों के साथ शेयर करके महात्मा गांधी को याद कर सकते हैं.
1-सत्य अहिंसा के थे वो पुजारी,
कभी ना जिसने हिम्मत हारी,
सौंप दी हमें आजादी,
जनजन है जिसका आभारी.
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नमन
2- देश के लिए किया सब कुछ त्याग जिसने,
देशभक्ति के लिए छोड़ा विलास जिसने,
पहन काठ की चप्पल आया इक महात्मा,
जो बन गया इस भारत की आत्मा.
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नमन
3- खादी मेरी शान है,
कर्म ही मेरी पूजा है,
सच्चा मेरा कर्म है,
और हिंदुस्तान मेरी जान है.
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नमन
4- आंख पे ऐनक, हाथ में लाठी,
बापू चलते सीना ताने शान से,
दे दी हमें आज़ादी बिना खड्ग-ढाल के,
साबरमती के संत मेरे बापू हैं कमाल के.
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नमन
5- बस जीवन में ये याद रखना,
सच और मेहनत का सदा साथ रखना,
बापू तुम्हारे साथ हैं हर बच्चे के पास हैं,
सच्चाई जहां भी है वहां उनका वास है.
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नमन
बता दें कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या के मामले में कुल 9 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था, जिनमें से दो अभियुक्तों नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे को फांसी दी गई थी. अदालत ने नौ अभियुक्तों में विनायक दामोदर सावरकर को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था, इसके अलावा 6 लोगों को आजीवन कारावास की सजी दी गई थी.