Margashirsha Amavasya 2019: पूर्णिमा की तरह ही अमावस्या तिथि (Amavasya) का भी हिंदू धर्म में खास महत्व बताया जाता है. खासकर मार्गशीर्ष महीने की अमावस्या (Margashirsha Amavasya) माता लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय है. इस अमावस्या का महत्व कार्तिक अमावस्या से कम नहीं होता है. मार्गशीर्ष महीने की अमावस्या को अगहन अमावस्या (Agahan Amavasya) के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन पितरों की शांति के लिए तर्पण, स्नान, दान-धर्म जैसे कार्यों को करने का विधान है. इस दिन देवी लक्ष्मी (Mata Lakshmi) की विधि-विधान से पूजा करने पर उनकी कृपा प्राप्त होती है. मान्यता है कि इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति के पाप नष्ट होते हैं और पितरों के निमित्त तर्पण करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है. इस दिन गंगा स्नान का भी विशेष महत्व बताया जाता है.
मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन व्रत रखने और पितरों का पूजन करने का विधान है. कहा जाता है कि इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने से धन संबंधी परेशानियां दूर होती हैं और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है.
शुभ मुहूर्त
मार्गशीर्ष अमावस्या- 26 नवंबर 2019 (मंगलवार)
अमावस्या प्रारंभ- 25 नवंबर 2019 को रात 10.43 बजे से,
अमावस्या समाप्त- 26 नवंबर 2019 की रात 08.38 बजे तक.
पूजा विधि
- सुबह किसी पवित्र नदी या तालाब में स्नान करें और सूर्य देव को अर्घ्य दें.
- स्नान के बाद बहते हुए जल में काले तिल प्रवाहित करें और गायत्री मंत्र का जप करें.
- इस दिन माता लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान विष्णु और शिव जी का पूजन करें.
- किसी नदी के तट पर इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण करें.
- पूजा-अर्चना के बाद किसी जरूरतमंद को भोजन और वस्त्र इत्यादि का दान करें. यह भी पढ़ें: Margashirsha Maas 2019: भगवान श्रीकृष्ण को अत्यंत प्रिय है मार्गशीर्ष मास, हिंदू धर्म में है इसका खास महत्व, जानें इस महीने से जुड़े खास नियम
महत्व
हर महीने की अमावस्या तिथि की तरह मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन भी पितरों के लिए तर्पण किया जाता है. मान्यता है कि इस दिन पितरों के लिए किए जाने वाले पूजा-पाठ से उनकी आत्मा को शांति मिलती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और माता लक्ष्मी की विधि-पूर्वक पूजा करने से सभी समस्याओं का अंत होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है.
नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को प्रचलित मान्यताओं के आधार पर सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है और यह लेखक की निजी राय है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसके बारे में हर व्यक्ति की सोच और राय अलग-अलग हो सकती है.