Mahavir Jayanti 2022 Messages In Hindi: आज (14 अप्रैल 2022) जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर की जयंती (Mahavir Jayanti) मनाई जा रही है. उनका जन्म करीब ढाई हजार साल पहले वैशाली के गणतंत्र राज्य क्षत्रिय कुंडलपुर में हुआ था. कहा जाता है कि तीस वर्ष की उम्र में उन्होंने संसार से विरक्त होकर राज वैभव का त्याग कर संन्यास धारण कर लिया और आत्मकल्याण के पथ पर निकल गए. महावीर स्वामी (Mahavir Swami) ने करीब 12 साल तक कठिन तपस्या की और उन्हें आत्मज्ञान की प्राप्ति हुई, फिर 71 साल की उम्र में उन्हें पावापुरी में मोक्ष की प्राप्ति हुई. जैन समाज भगवान महावीर की जयंती को धूमधाम से मनाता है. जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर महावीर भगवान की जीवन ही उनका संदेश है और उन्होंने अहिंसा को सबसे उच्चतम नैतिक गुण बताया था.
भगवान महावीर की जयंती पर जैन धर्म के लोग प्रभातफेरी निकालते हैं, फिर भव्य जुलूस के साथ पालकी यात्रा निकाली जाती है. इसके बाद रजत और स्वर्ण कलश से महावीर भगवान का अभिषेक किया जाता है. उनकी जयंती को धूमधाम से मनाए जाने के साथ ही शुभकामनाएं दी जाती हैं. इस अवसर पर आप भी इन हिंदी मैसेजेस, कोट्स, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक ग्रीटिंग्स के जरिए महावीर जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- अरिहंत की बोली, सिद्धों का सार,
आचार्यों का पाठ, साधुओं का साथ,
सत्य और अहिंसा का प्रचार,
मुबारक हो आपको महावीर जयंती का त्योहार.
महावीर जयंती की शुभकामनाएं
2- महावीर जिनका नाम है,
पलिताना जिनका धाम है,
अहिंसा जिनका नारा है,
ऐसे त्रिशला नंदन को प्रणाम हमारा है.
महावीर जयंती की शुभकामनाएं
3- अगर किसी से कुछ सीखा है तो इन लोगों से सीखा...
सेवा- श्रवण से,
मर्यादा- राम से,
अहिंसा- बुद्ध से,
मित्रता- कृष्ण से,
लक्ष्य- एकलव्य से,
दान- कर्ण से,
तपस्या- महावीर से...
महावीर जयंती की शुभकामनाएं
4- क्रोध को शांति से जीतें,
दुष्ट को साधुता से जीतें,
कृपण को दान से जीतें,
असत्य को सत्य से जीतें.
महावीर जयंती की शुभकामनाएं
5- सत्य-अहिंसा धर्म हमारा,
नवकार हमारी शान है,
महावीर जैसा नायक पाया,
जैन हमारी पहचान है.
महावीर जयंती की शुभकामनाएं
महावीर स्वामी ने दुनिया को अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, अचौर्य (अस्तेय) और ब्रह्मचर्य के बारे में बताया है, जिसे जैन धर्म के पंचशील सिद्धांत के तौर पर जाना जाता है. उन्होंने अपने जीवन काल में अपने प्रवचनों और उपदेशों के जरिए दुनिया को सही राह दिखाने और मार्गदर्शन करने का प्रयास किया. उन्होंन सिर्फ इंसान को इंसान के प्रति प्रेम और मित्रता से रहने का संदेश ही नहीं दिया, बल्कि मिट्टी, पानी, अग्नि, वायु, वनस्पति, कीड़े-मकौड़े, पशु और पक्षियों के लिए भी मित्रता और अहिसंक भाव के साथ रहने का उपदेश दिया है.