Maha Ashtami 2022 Messages in Hindi: शारदीय नवरात्रि (Sharad Navratri) के आठवें दिन को महा अष्टमी (Maha Ashtami), दुर्गा अष्टमी (Durga Ashtami) और शुभो अष्टमी (Subho Ashtami) जैसे विभिन्न नामों से जाना जाता है. इस दिन नौ कन्याओं की देवी के नौ स्वरूपों का प्रतीक मानकर पूजा की जाती है, जिसे कन्या पूजन (Kanya Pujan) कहा जाता है. दरअसल, नवरात्रि के पहले और आखिरी दिन व्रत रखने वाले कई लोग अष्टमी तिथि को हवन और कन्या पूजन कर अपना व्रत पूर्ण करते हैं. इस साल शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 26 सितंबर से हुई है, जबकि समापन 5 अक्टूबर को विजयदशमी यानी दशहरे के साथ होगा. वहीं बंगाली समुदाय के लोगों के लिए दुर्गा पूजा (Durga Puja) की शुरुआत 1 अक्टूबर 2022 को षष्ठी तिथि से हुई है.
नवरात्रि के दौरान अष्टमी तिथि का विशेष महत्व बताया जाता है, क्योंकि इस दिन देवी के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा की जाती है और बंगाली समुदाय के लोग इस दिन देवी मां को विशेष प्रार्थना यानी अंजलि अर्पित करते हैं, इसके साथ ही एक-दूसरे को बधाई देते हैं. इस अवसर पर आप भी इन हिंदी मैसेजेस, कोट्स, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक ग्रीटिंग्स के जरिए प्रियजनों को महा अष्टमी की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- मां भरती झोली खाली,
मां अम्बे वैष्णों वाली,
मां संकट हरने वाली,
मां विपदा हरने वाली,
मां के सभी भक्तों को...
दुर्गाष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं
2- जब संकट कोई आए,
तू ले मैया का नाम,
तेरे पूर्ण होंगे काम,
जब व्याकुल मन घबराए,
तू ले मैया का नाम,
तेरे पूर्ण होंगे काम...
दुर्गाष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं
3- आशा है कि दुर्गा अष्टमी से,
रोशन हो जाए आपका घर-संसार,
माता के आशीर्वाद से खिल उठे मन,
और बढ़ता जाए आपका धन...
दुर्गाष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं
4- माता के कमल चरणों से,
महके आपका घर और द्वार,
खुशियों और उमंगों से भर जाए,
आपका हर दिन और हर प्रहर.
दुर्गाष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं
5- चारों ओर है छाया अंधेरा,
कर दे मां रोशन जीवन मेरा,
तुझ बिन कौन यहां है मेरा,
तू जो आए सामने हो जाए सवेरा.
दुर्गाष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं
शारदीय नवरात्रि से जुड़ी प्रचलित मान्यता के अनुसार, सबसे पहले मर्यादापुरुषोत्तम भगवान राम ने नौ दिनों तक व्रत रखकर मां दुर्गा की उपासना की थी और उसके बाद दशमी तिथि को उन्होंने लंकापति रावण पर विजय प्राप्त की थी, इसलिए दशमी तिथि को विजयादशमी यानी दशहरे का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन बुराई पर अच्छाई और अधर्म पर धर्म की जीत के प्रतीक के तौर पर रावण के पुतले का दहन किया जाता है.