बिहू असम का सबसे लोकप्रिय त्योहार है और ग्रामीण असमिया जीवन में कृषि के महत्व का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है. यह त्योहार एक वर्ष में तीन बार मनाया जाता है जो असम की मूल फसल धान की खेती में तीन विशिष्ट चरणों को चिह्नित करता है. बोहाग बिहू (Bohaag Bihu) या रोंगाली बिहू (Rongaali Bihu) बैसाखी के महीने में मनाया जाता है जो प्लांटिंग का प्रतीक है. काती बिहू (Kati Bihu) कार्तिक के महीने में बुवाई के मौसम के पूरा होने पर मनाया जाता है, जबकि माघ बिहू फसल की अवधि की समाप्ति का प्रतीक है और माघ के महीने में मनाया जाता है. इस साल यह त्योहार 15 जनवरी को मनाया जा रहा है.
असम में माघ बिहू को बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है. यह त्योहार देवताओं की प्रार्थना के लिए मनाया जाता है. इस दिन लोग पारंपरिक व्यंजन बनाते हैं और एक साथ इस त्योहार को धूम धाम से मनाते हैं. माना जाता है कि 'बिहू' शब्द 'बिशु' शब्द से उत्पन्न हुआ है जिसका अर्थ है 'शांति मांगना' माघ बिहू को भोगाली बिहू के नाम से भी जाना जाता है 'भोग' शब्द का अर्थ है भोजन करना और इस त्योहार का उद्देश्य समुदाय के साथ भोजन करना है. माघ बिहू उत्सव असमिया कैलेंडर में 'पूह' महीने के आखिरी दिन से शुरू होता है.
यह उत्सव 'माघ' के महीने में जारी रहता है, जो जनवरी और फरवरी के अंग्रेजी महीनों के बीच होता है. भोजन और एन्जॉमेंटय लगभग एक सप्ताह तक चलता है. बिहू की पूर्व संध्या पर, जिसे उरुका के नाम से भी जाना जाता है, युवा लोग, ज्यादातर पुरुष खेतों में जाते हैं और मेकशिफ्ट झोपड़ियों का निर्माण करते हैं, जिन्हें भेलघर के नाम से जाना जाता है. इन झोपड़ियों को बांस, पत्तियों का उपयोग करके तैयार किया जाता है. मेजी या अलाव भी माघ बिहू का एक अभिन्न अंग है. बिहू की सुबह एक अलाव जलाया जाता है और देवताओं की प्रार्थना की जाती है. इस दिन लोग पारंपरिक लिबास पहनकर नृत्य करते हैं और एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं. अगर आप भी अपने प्रियजनों को माघ बिहू की शुभकामनाएं देना चाहते हैं तो नीचे दिए गए मैसेजेस भेजकर दे सकते हैं.
1. मान मिले सम्मान मिले,
सुख समृद्धि का वरदान मिले,
आपका हर गम दूर हो खुशियां भरपूर हो,
इस नव वर्ष की हार्दिक मंगल कामना.
बिहू की हार्दिक शुभकामनाएं!
2. नई उमंग, नई राह, नई तरंग, नई चाह,
नए उन्माद की नई है हर बात,
नई खुशियां संग आया नया साल,
माघ बिहू की हार्दिक शुभकामनाएं!
3. पल पल से बनता है एहसास,
एहसास से बनता है विश्वास,
विश्वास से बनते है रिश्ते,
और रिश्तों से बनता है कोई खास,
जैसे कि आप,
मुबारक हो आपको माघ बिहू का त्योहार!
4. नव वर्ष की पावन बेला में,
है यही शुभ सन्देश,
हर दिन आए आपके जीवन में,
लेकर खुशियां विशेष!
माघ बिहू की हार्दिक शुभकामनाएं!
5. नया सवेरा नयी किरण के साथ,
नया दिन एक प्यारी सी मुस्कान के साथ,
माघ बिहू की हार्दिक शुभकामनाएं!
उरुका की रात लोग भोजन तैयार करते हैं और अलाव के चारों ओर गायन और नृत्य करते हुए रात बिताते हैं. मुख्य माघ बिहू अगले दिन मनाया जाता है. इस दिन लोग सुबह जल्दी नहाते हैं और मेईजी को जलाते हैं. इस उत्सव में पारंपरिक असमिया खेल जैसे टेकेली भोंगा (पॉट-ब्रेकिंग) और भैंस लड़ाना मुर्गा लड़ाई, एग फाइट्स भी आयोजित किए जाते हैं. राइस केक त्योहार का मुख्य आकर्षण है और सभी के बीच वितरित किया जाता है. अन्य व्यंजनों में चावल के केक के विभिन्न प्रकार शामिल हैं. इन्हें तिल (तिल) पीठा, नारिकोल (नारियल) पीठा, टेकेली पीठा, घीला पीठा और सुंग पीठा कहा जाता है. लारू नामक नारियल से बनी मिठाइयां भी बनाई जाती हैं.