Lalita Panchami 2022 Greetings: ललिता पंचमी की इन शानदार WhatsApp Stickers, HD Images, Wallpapers, Photo Wishes के जरिए दें बधाई
ललिता पंचमी 2023 (Photo Credits: File Image)

Lalita Panchami 2022 Greetings: मां दुर्गा (Maa Durga) के नौ स्वरूपों की उपासना के पावन पर्व शारदीय नवरात्रि (Sharad Navratri) के पांचवें दिन को महा पंचमी (Maha Panchami) कहा जाता है और इस दिन देवी दुर्गा के पांचवें स्वरूप मां स्कंदमाता (Maa Skandmata) की उपासना की जाती है. आज (19 अक्टूबर 2023) को महा पंचमी मनाई जा रही है, जिसे बंगाली समुदाय के लोग शुभो महा पंचमी कहते हैं तो वहीं इसे ललिता पंचमी (Lalita Panchami) के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन जो व्रत रखा जाता है, उसे उपांग ललिता व्रत (Upang Lalita Vrat) कहा जाता है. शारदीय नवरात्रि के दौरान महाराष्ट्र (Maharashtra) और गुजरात (Gujarat) में इस व्रत को विशेष रूप से रखा जाता है. इस दिन व्रत रखने वाले भक्त मां ललिता (Maa Lalita) या त्रिपुर सुंदरी (Tripur Sundari) की उपासना करते हैं, जिन्हें दस महाविद्याओं में से एक माना जाता है.

ललिता पंचमी व्रत करने से सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है और इससे निसंतान दंपत्तियों को संतान सुख का आशीर्वाद मिलता है. इसके साथ ही इस व्रत को धन-संपत्ति और ऐश्वर्य के लिए भी किया जाता है. इस दिन शुभकामना संदेश भी एक-दूसरे को भेजे जाते हैं. ऐसे में आप भी इन शानदार ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप स्टिकर्स, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स, फोटो विशेज के जरिए ललिता पंचमी की बधाई दे सकते हैं.

1- ललिता पंचमी की शुभकामनाएं

ललिता पंचमी 2023 (Photo Credits: File Image)

2- ललिता पंचमी की हार्दिक बधाई

ललिता पंचमी 2023 (Photo Credits: File Image)

3- हैप्पी ललिता पंचमी

ललिता पंचमी 2023 (Photo Credits: File Image)

4- शुभ ललिता पंचमी

ललिता पंचमी 2023 (Photo Credits: File Image)

5- ललिता पंचमी 2023

ललिता पंचमी 2023 (Photo Credits: File Image)

प्रचलित पौराणिक कथा के मुताबिक, प्रजापति दक्ष और अपने पिता द्वारा महादेव का अपमान सहन न कर पाने पर देवी सती ने यज्ञ कुंड में कूदकर अपने प्राण त्याग दिए थे. सती के आत्मदाह करने के बाद उनके देह को उठाकर भगवान शिव पूरे ब्रह्मांड में भ्रमण कर रहे थे, जिससे हर तरफ हाहाकार मच गया था. इस परिस्थिति में भोलेनाथ के मोह को भंग करने के लिए भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से देवी सती के अंगों को विभाजित कर दिया था, तब शिव जी ने उन्हें अपने हृदय में धारण किया, इसलिए इन्हें ललिता देवी कहा जाता है. ललिता देवी माता सती के शक्तिपीठों में से एक है.