Lakshmi Puja 2020 Date: लक्ष्मी पूजा कब है? जानें कोजागरी पूर्णिमा के दिन की जाने वाली लक्ष्मी पूजा की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व
शुभ लक्ष्मी पूजा (Photo Credits: File Image)

Lakshmi Puja 2020 Date: दुर्गा पूजा (Durga Puja) और शारदीय नवरात्रि (Sharad Navratri) के समापन के बाद भक्त लक्ष्मी पूजा (Lakshami Puja) की तैयारियों में जुट जाते हैं, जिसे बंगाल में लक्ष्मी पूजन (Lakshmi Pujan) के नाम से जाना जाता है. दरअसल, कार्तिक मास की अमावस्या तिथि पर देशभर में माता लक्ष्मी का पूजन किया जाता है, लेकिन उससे भी पहले आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि यानी कोजागरी पूर्णिमा(Kojagiri Purnima) या शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) के दिन भी देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है, जिसे बंगाली लक्ष्मी पूजन (Bengali Lakshmi Pujan) के रूप में जाना जाता है. दूर्गा पूजा के कुछ दिन बाद ही लक्ष्मी पूजन का यह पर्व मनाया जाता है. हिंदू धर्म में देवी लक्ष्मी को धन और ऐश्वर्य की देवी माना जाता है, जिनके पूजन से भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि, सौभाग्य, धन-संपदा का आगमन होता है.

मान्यता है कि कोजागरी पूर्णिमा की रात देवी लक्ष्मी अपने वाहन उल्लू पर सवार होकर पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं. चलिए जानते हैं कोजागरी पूर्णिमा के दिन की जाने वाली लक्ष्मी पूजा की तिथि, शुभ मुहूर्त और इसका महत्व.

कोजागरी पूर्णिमा शुभ मुहूर्त

कोजागरी पूर्णिमा- 30 अक्टूबर 2020 (शुक्रवार)

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 30 अक्टूबर 2020 शाम 17:44 बजे से,

पूर्णिमा तिथि समाप्त- 31 अक्टूबर 2020 की रात 20.18 बजे तक.

क्या है इसका महत्व?

कोजागरी पूर्णिमा और दिवाली की रात मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. उनकी मिट्टी की प्रतिमा बनाई जाती है और कोजागरी पूर्णिमा के दिन व्रत रखने के बाद शाम को उनकी विधिवत पूजा की जाती है. असम, ओडिशा, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में आश्विन पूर्णिमा तिथि पर देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है, जिसे कोजागरी लक्ष्मी पूजा या बंगाली लक्ष्मी पूजा के नाम से जाना जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि, देश के अन्य हिस्सों में दीपावली के दौरान लक्ष्मी पूजन किया जाता है. यह भी पढ़ें: Subho Bijoya Dashami 2020 HD Images & Wallpapers in Hindi: विजयादशमी पर अपनों को भेजें मां दुर्गा के ये मनमोहक हिंदी GIF Greetings, WhatsApp Stickers, Facebook Messages, Photo SMS और कहें शुभो बिजोया दशमी

कोजागरी यानी शरद पूर्णिमा के पर्व को देश के विभिन्न हिस्सों में लोग अपनी-अपनी मान्यताओं और परंपराओं के अनुसार मनाते हैं. इस तिथि पर मध्य रात्रि या निशिथ काल में पूजा करने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है. माना जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से पूर्ण होता है और इस रात आसमान से अमृत की वर्षा होती है. देवी लक्ष्मी कोजागरी पूर्णिमा की रात पृथ्वी पर विचरण करती हैं और अपने भक्तों को धन-संपदा और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं.