Pandit Jawaharlal Nehru Jayanti 2022 Quotes in Hindi: आज (14 नवंबर 2022) भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू (Pandit Jawaharlal Nehru) जी की 133वीं जयंती मनाई जा रही है. नेहरू जी का जन्म 14 नवंबर 1889 को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के इलाहाबाद (प्रयागराज) में हुआ था. कश्मीर के एक प्रवासी पंडित परिवार से ताल्लुक रखने वाले जवाहरलाल नेहरू (Pandit Jawaharlal Nehru) के पिता का नाम मोतीलाल नेहरू और माता का नाम स्वरूप रानी था. नेहरू जी का विवाह कमला नेहरू से हुआ था. जवाहरलाल नेहरू को बच्चों से काफी स्नेह और लगाव था, इसलिए वो अपनी व्यस्त दिनचर्या से वक्त निकालकर बच्चों के साथ कुछ समय बिताना पसंद करते थे. आपको बता दें कि बच्चों से प्यार करने वाले चाचा नेहरू के निधन के बाद साल 1964 से उनकी जयंती को बाल दिवस (Bal Diwas) यानी चिल्ड्रंस डे (Children's Day) के तौर पर मनाया जा रहा है.
आजाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू एक अच्छे लेखक और विद्वान भी थे. आजादी के बाद से अपने निधन तक प्रधानमंत्री का कार्यभार संभालने वाले पंडित नेहरू के विचार इतने महान थे कि आज भी उनसे लोगों को प्रेरणा मिलती है. ऐसे में पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर आप उनके इन 10 महान विचारों को अपने प्रियजनों संग शेयर कर सकते हैं.
1- आपत्तियां हमें आत्म-ज्ञान कराती हैं, ये हमें दिखा देती हैं कि हम किस मिट्टी के बने हैं.
2- संकट के समय हर छोटी चीज मायने रखती है.
3- असफलता तभी आती है जब हम अपने आदर्श, उद्देश्य और सिद्धांत भूल जाते हैं.
4- संस्कृति मन और आत्मा का विस्तार है.
5- जो व्यक्ति भागता है, वह शांत बैठे व्यक्ति की तुलना में अधिक खतरे में पड़ जाता है.
6- चुनाव जनता को राजनीतिक शिक्षा देने का विश्वविद्यालय है.
7- शायद जीवन में डर से बुरा और खतरनाक कुछ भी नहीं है.
8- संकट और गतिरोध जब होते हैं तो कम से कम उनका एक फायदा होता है कि वे हमें सोचने पर मजबूर करते हैं.
9- जो पुस्तकें हमें सोचने के लिए विवश करती हैं, वे हमारी सबसे अच्छी सहायक हैं.
10- सत्य हमेशा सत्य ही रहता है, चाहे आप पसंद करें या ना करें.
गौरतलब है कि अपने घर पर निजी शिक्षकों से प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद नेहरू जी 15 साल की उम्र में इंग्लैंड चले गए, जहां उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से साइंस में बैचलर की डिग्री हासिल की. शिक्षा पूरी करने के बाद वो फिर से स्वदेश लौटे और सक्रिय तौर पर राजनीति से जुड़ गए. नेहरू जी ने साल 1930 से 1940 तक अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. देश की आजादी की लड़ाई में शामिल होने के चलते उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा था.