Holi 2021: हिंदू धर्म में मनाए जाने वाले महत्वपूर्ण पर्वों में शुमार होली (Holi) का इंतजार हर किसी को बेसब्री से रहता है. रंगों के त्योहार (Festival of Colors) होली को देशभर में बहुत जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है. ब्रज की लट्ठमार होली (Lathmar Holi) की तरह ही यूपी (UP) के शाहजहांपुर (Shahjahanpur) की जूता मार होली (Juta Maar Holi) काफी मशहूर है. जी हां, शाहजहांपुर में जूता मार होली खेली जाती है और इस दिन शहर में लाट साहब का जुलूस (Laat Sahab Juloos) निकाला जाता है. हालांकि इस दौरान कोई सांप्रदायिक विवाद न हो और रास्ते में पड़ने वाले किसी भी मस्जिद पर रंग ना पड़े, इसके लिए जुलूस से पहले मस्जिदों (Masjids) को ढंक दिया जाता है. लाट साहब जुलूस के रास्ते में पड़ने वाली करीब 40 मस्जिदों को होली के रंगों से बचाने के लिए ढंक दिया जाता है.
हर मस्जिद के बाहर पुलिसकर्मियों का कड़ा पहरा रहता है, ताकि होली के दौरान किसी तरह की अवांछित घटना न घट सके और सामाजिक सौहार्द्र बना रहे. हालांकि इस साल लाट साहब जुलूस के दौरान पुलिस प्रशासन एक प्रयोग करने जा रही है. पुलिस प्रशासन की मानें तो इस बार होली पर मस्जिदों को ढंकने के बजाय उस पर होली की शुभकामनाओं के होर्डिंग लगाए जाएंगे. उनका मानना है कि इस कदम से समाज में सकारात्मक संदेश जाएगा. इसके साथ ही जुलूस पर निगरानी रखने के लिए ड्रोन कैमरे का उपयोग किया जाएगा. यह भी पढ़ें: Holi 2021: भारत में इन जगहों पर लोग नहीं खेलते हैं होली, इसके पीछे के रहस्य को जानकर आप भी रह जाएंगे दंग
बता दें कि होली के असर पर शाहजहांपुर शहर में लाट साहब के जुलूस के दौरान एक शख्स को लाट साहब बनाकर भैंसा गाड़ी पर बिठाया जाता है, फिर उसे जूते और झाडू मारकर पूरे शहर में घुमाया जाता है. इस जुलूस में लोग लाट साहब पर जूते फेंक कर भी मारते हैं. दरअसल, अंग्रेजों के प्रति अपना आक्रोश प्रकट करने के लिए एक शख्स को अंग्रेज के प्रतीक के तौर पर लाट साहब बनाकर भैंसा गाड़ी पर बिठाया जाता है और फिर जूते-झाडू से पीटकर जुलूस निकाला जाता है. इस दौरान सांप्रदायिक सौहार्द बना रहे, इसलिए आपसी सहमति के बाद मस्जिदों को पूरी तरह से ढंक दिया जाता है.
गौरतलब है कि शाहजहांपुर में जूता मार होली खेलने की परंपरा दशकों पुरानी बताई जाती है. इस साल लाट साहब के जुलूस के दौरान शहर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चाक-चौबंद इतंजाम किए गए हैं. शहर में सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए भारी संख्या में पैरा मिलिट्री फोर्सेज, पीएसी और कई जिलों की पुलिस फोर्स को तैनात किया जाएगा. इसके अलावा ड्रोन कैमरे की मदद से जुलूस पर निगरानी रखी जाएगी.