Shab-e-Barat 2020 Wishes In Hindi: इस्लाम धर्म का पवित्र शाबान महिना चल रहा है. इस पवित्र में एक रात आती है जिसे शब-ए-बारात (Shab-e-Barat) कहते हैं. इस्लाम में इस पाक रात का बहुत महत्व बताया जाता है, इस पाक रात को लैलात-उल-बारा (Laylat-ul-Barra) और मोक्ष की रात (Night of Salvation) के रूप में भी जाना जाता है. इस रात दुनिया भर के मुसलमान अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं. शब-ए-बारात रमजान (Ramadan) के पवित्र महीने के शुरू होने से 15 दिन पहले मनाया जाता है. रमजान से पहले आने वाले शब-ए-बारात में मुस्लिम रातभर नमाज पढ़कर दुआ करते हैं. इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, शाबान महीने की 14 तारीख को सूर्यास्त के बाद शब-ए-बारात की रात आती है. इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग अल्लाह की इबादत करते हैं और अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं.
इसके साथ ही लोग एक-दूसरे को शब-ए-बारात की मुबारकबाद (Shab-e-Barat Mubarak) भी देते हैं. लॉकडाउन के दौरान अगर आप अपने प्रियजनों से नहीं मिल पा रहे हैं तो उन्हें फेसबुक, वॉट्सऐप जैसे तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए ये शानदार हिंदी वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, फोटो एसएमएस, वॉलपेपर्स और शायरी भेजकर दोस्तों व रिश्तेदारों को शब-ए-बारात मुबारक कह सकते हैं.
1- रात को नया चांद मुबारक,
चांद को चांदनी मुबारक,
फलक को सितारे मुबारक,
सितारों को बुलंदी मुबारक,
आपको हमारी तरफ से,
शब-ए-बारात मुबारक
2- या अल्लाह मैं तुझसे मांगता हूं,
ऐसी माफी जिसके बाद कोई गुनाह न हो,
ऐसी सेहत जिसके बाद कोई बीमारी न हो,
ऐसी रजा जिसके बाद कोई नाराजगी न हो.
शब-ए-बारात मुबारक
3- अल्लाह, तूने मुझे यह सुंदर जीवन दिया है,
तूने ही ये मुबारक रात दी है,
तू ही मेरा आने वाला कल संवारेगा,
तेरी राजा में ही मुझे खुशियां मिलेंगी.
शब-ए-बारात मुबारक
4- रहमतों की आई है रात,
नमाजों का रखना साथ,
मनवा लेना रब से हर बात,
दुआ में रखना हमें भी याद,
शब-ए-बारात मुबारक यह भी पढ़ें: Shab-e-Barat 2020: कब है शब-ए-बारात? इस रात अल्लाह फरिश्तों को क्या जिम्मेदारी देता है? क्या लॉक-डाउन में ज्यादा होगी इबादत
5- अगर मुझसे कोइ गलती हो गई हो,
तो मुझे माफ कर देना...
आज 'शब-ए-बारात' है,
खुदा की इबादत कर लेना...
शब-ए-बारात मुबारक
मुस्लिम धर्मगुरुओं के अनुसार, शाबान महीने की 15 तारीख बहुत खास होती है. माना जाता है कि इस दिन अल्लाह पूरे जहान का लेखा-जोखा तैयार करते हैं और लोगों के लिए काम, माफी और सजा मुकर्रर करते हैं. इस रात को अल्लाह से माफी मांगने की पाक रात कहा जाता है. शब-ए-बारात की रात लोग कुरान की तिलावत और खुदा की इबादत के साथ अपने पूर्वजों को याद करते हैं.