Vat Savitri 2020 Messages In Hindi:आज देश के विभिन्न क्षेत्रों खासकर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) और बिहार (Bihar) में सुहागन महिलाएं (Married Women) अपने अखंड सौभाग्य और सुखी जीवन की कामना से वट सावित्री का व्रत (Vat Savitri Vrat) कर रही हैं. यह पर्व हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या (Jyeshtha Amavasya) तिथि को मनाया जाता है. कहा जाता है कि जो विवाहित महिलाएं वट सावित्री (Vat Savitri) का व्रत रखती हैं उनके पति की आयु लंबी होती है, इसके साथ ही उनके जीवन में आने वाली सभी परेशानियां भी दूर होती हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माता सावित्री (Savitri) अपने पति सत्यवान (Satyavan) के प्राणों को यमराज (Yamraj) से छुड़ाकर लाई थीं और वट वृक्ष के नीचे ही उनके पति फिर से जीवित हो उठे थे, इसलिए इस दिन वट वृक्ष की पूजा की जाती है.
वट सावित्री का व्रत रखकर महिलाएं वट वृक्ष की पूजा करके अखंड सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं. कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच अगर आपने भी यह व्रत रखा है तो इसकी खुशी अपने तक ही सीमित न रखें और इस शुभ अवसर पर इन शानदार हिंदी वॉट्सऐप स्टेटस, फेसबुक ग्रीटिंग, इमेज, एसएमएस, वॉलपेपर्स और कोट्स को सोशल मीडिया के जरिए भेजकर अपनों को शुभकामनाएं दें.
1- बिना खाए पिए व्रत करना,
प्रेम की अटूट परिभाषा है,
हम यूं ही प्रेम बंधन में बंधे रहें,
मेरे दिल की बस यही आशा है.
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2- सुख-दुख में हम तुम,
हर पल साथ निभाएंगे,
एक जन्म नहीं सातों जन्म,
हम पति-पत्नी बन आएंगे.
वट सावित्री की शुभकामनाएं
3- माथे की बिंदिया चमकती रहे,
हाथों में चूड़ियां खनकती रहे,
पैरों की पायल छनकती रहे,
पिया संग प्रेम बेला सजती रहे.
वट सावित्री की शुभकामनाएं
4- रखा है व्रत मैंने,
बस एक ख्वाहिश के साथ
लंबी हो उम्र आपकी
और हर जन्म में मिले
हमें एक दूजे का साथ
वट सावित्री की शुभकामनाएं
5- जोड़ी मेरी तेरी कभी ना टूटे,
हम-तुम कभी एक-दूजे से ना रूठें,
हम दोनों 7 जन्म साथ निभाएंगे,
हर पल की मिलकर खुशियां मनाएंगे.
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इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर महिलाओं को सोलह श्रृंगार करना चाहिए, फिर व्रत का संकल्प लेना चाहिए. वट सावित्री की पूजा के लिए थाली में गुड़, भीगे हुए चने, आटे से बनी मिठाई, कुमकुम, रोली, मौली, 5 प्रकार के फल, पान का पत्ता, धूप, घी का दीया, जल और एक हाथ का पंखा लेकर वट वृक्ष के पास जाना चाहिए.
पूजन के लिए बरगद के पेड़ के पास सावित्री-सत्यवान और यमराज की प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए. पूजन के दौरान सबसे पहले वट वृक्ष को जल चढ़ाते हुए पुष्प, अक्षत, फूल और मिठाई अर्पित करना चाहिए. फिर धूप-दीप जलाकर वृक्ष पर मौली बांधते हुए सात बार परिक्रमा करनी चाहिए और अपने सुहाग की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करनी चाहिए.