Happy Kojagiri Purnima 2020 Wishes: साल भर पड़ने वाली सभी पूर्णिमा तिथियों में आश्विन मास की पूर्णिमा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया जाता है. पूर्णिमा की इस पावन तिथि को शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima), कोजागरी पूर्णिमा (Kojagiri Purnima), रास पूर्णिमा (Raas Purnima), आश्विन पूर्णिमा (Ashwin Purnima), आरोग्य पूर्णिमा (Arogya Purnima) और कौमुदी पूर्णिमा (Kaumudi Purnima) जैसे विभिन्न नामों से जाना जाता है. शरद पूर्णिमा ऋतु परिवर्तन के साथ-साथ स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि बढ़ाने वाली मानी जाती है. इसकी सबसे खास बात तो यह है कि सभी पूर्णिमा तिथियों में शरद पूर्णिमा का चांद सबसे मनमोहक, आकर्षक और सुंदर नजर आता है. मान्यता है कि इस रात चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है और चंद्रमा की किरणों से अमृत बरसता है, जिसे स्वास्थ्यवर्धक और सौभाग्य कारक माना जाता है. आज (30 अक्टूबर 2020) पूरे देश में शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है, जबकि स्नान, दान और पूर्णिमा व्रत 31 अक्टूबर को रखा जाएगा.
शरद पूर्णिमा की रात खुली आंखों से चांद का दीदार करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है. इस दिन चांदनी रात में खीर बनाकर रखा जाता है और अगले दिन प्रसाद के रूप में उस खीर का सेवन किया जाता है. कोजागरी पूर्णिमा के इस पावन अवसर पर आप इन प्यारे हिंदी वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, इमेजेस, विशेज, वॉलपेपर्स, कोट्स और फोटो एसएमएस के जरिए दोस्तों-रिश्तेदारों को शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- शरद पूर्णिमा की पावन रात्रि,
आप और आपके परिवार पर,
अमृत व सोमरस बरसे,
और सुख-समृद्धि की वर्षा हो.
शुभ कोजागरी पूर्णिमा
2- आश्विन मास की पूर्णिमा का रंग है निराला,
इसकी चांदनी रात में होती है अमृत की वर्षा,
इस रात राधा संग कृष्ण करते हैं महारास,
माता लक्ष्मी देती हैं सुख-समृद्धि का आशीर्वाद.
शुभ कोजागरी पूर्णिमा
3- आओ हम सब साथ मिलकर,
शरद पूर्णिमा के चंद्रमा का आशीर्वाद,
अपने शीश झुकाकर पाएं,
और जीवन को समृद्ध बनाएं.
शुभ कोजागरी पूर्णिमा
4- दुआ है कि शरद पूर्णिमा का उत्सव,
दे आपको जीवन में खुशहाली और समृद्धि,
इस दिन मिले आपको मां लक्ष्मी का आशीर्वाद,
आपके जीवन में शुभता लेकर आए यह त्योहार.
शुभ कोजागरी पूर्णिमा
5- चांद सी शीतलता, शुभ्रता,
कोमलता, उदारता, प्रेमलता,
आपको और आपके,
परिवार को प्रदान हो.
शुभ कोजागरी पूर्णिमा
कोजागरी पूर्णिमा यानी शरद पूर्णिमा से जुड़ी प्रचलित मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने राधा और गोपियों संग महारास किया था. इसके अलावा मान्यता यह भी है कि इस दिन समुद्र मंथन के दौरान धन और ऐश्वर्य की देवी माता लक्ष्मी का प्राकट्य हुआ था, इसलिए शरद पूर्णिमा को उनके जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है. इस दिन माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करने पर जीवन में कभी सुख-समृद्धि और वैभव की कमी नहीं होती है. कहा जाता है कि कोजागरी पूर्णिमा की मध्य रात्रि देवी लक्ष्मी अपने वाहन उल्लू पर सवार होकर पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं. इस दौरान रात्रि जागरण कर उनकी आराधना करने वाले भक्तों पर वे बेहद प्रसन्न होती हैं.