Guru Ravidas Jayanti 2024 Quotes in Hindi: देश के महान संतों में शुमार गुरु रविदास (Guru Ravidas) को महान संत, दर्शनशास्त्री, कवि, समाज सुधारक और ईश्वर के अनुयायी के तौर पर जाना जाता है. आज यानी 24 फरवरी 2024 को गुरु रविदास जी की जयंती (Guru Ravidas Jayanti) मनाई जा रही है. उनके द्वारा कहा गया कथन 'मन चंगा तो कठौती में गंगा' आज भी सबसे ज्यादा लोकप्रिय है. हिंदू पंचांग के अनुसार, रविदास जी का जन्म 1398 ईस्वी में माघ पूर्णिमा के दिन उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के वाराणसी (Varanasi) स्थित गोवर्धनपुर गांव में हुआ था. रविदास जी का जन्म ऐसे समय में हुआ था, जब उत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में मुगलों का राज हुआ करता था. उस दौरान हर तरफ अत्याचार, सामाजिक भेदभाव और भ्रष्टाचार के चलते हाहाकार मचा हुआ था. ऐसे में उन्होंने अपना जीवन प्रभु की भक्ति और सत्संग में बिताते हुए लोगों के बीच भेदभाव को दूर करते हुए सामाजिक एकता का प्रचार-प्रसार किया.
संत रविदास जी अपनी कविताओं के जरिए भी भेदभाव को दूर कर समाजाकि एकता का संदेश दिया करते थे. वे अपनी कविताओं में जनसाधारण की ब्रजभाषा का प्रयोग करते थे, इसके अलावा वे अपनी कविताओं में अवधि, ऊर्दू-फारसी, राजस्थानी, खड़ी बोली आदि का भी इस्तेमाल करते थे. उनके चालीस पद सिखों के पवित्र ग्रंथ गुरुग्रंथ साहिब में सम्मिलित किए गए हैं. संत रविदास के विचार भी उन्ही की तरह महान थे, ऐसे में उनकी जयंती पर आप उनके अनमोल व प्रेरणादायी विचारों को अपने प्रियजनों संग शेयर कर सकते हैं.
1- कभी भी अपने अंदर अभिमान को जन्म न दें. एक छोटी सी चींटी शक्कर के दानों को बीन सकती है, लेकिन एक विशालकाय हाथी ऐसा नहीं कर सकता.
2- भगवान उस हृदय में वास करते हैं जिसके मन में किसी के प्रति बैर भाव नहीं है, कोई लालच या द्वेष नहीं है.
3- कोई भी व्यक्ति छोटा या बड़ा अपने जन्म के कारण नहीं, बल्कि अपने कर्म के कारण होता है. व्यक्ति के कर्म ही उसे ऊंचा या नीचा बनाते हैं.
4- हमें हमेशा कर्म करते रहना चाहिए और साथ-साथ मिलने वाले फल की भी आशा नहीं छोड़नी चाहिए, क्योंकि कर्म हमारा धर्म है और फल हमारा सौभाग्य.
5- मोह-माया में फंसा जीव भटकता रहता है, जबकि इस माया को बनाने वाला ही मुक्तिदाता है.
6- मन चंगा तो कठौती में गंगा.
7- जीव को यह भ्रम है कि यह संसार ही सत्य है किंतु जैसा वह समझ रहा है वैसा नहीं है, वास्तव में संसार असत्य है.
8- ब्राह्मण मत पूजिए जो होवे गुणहीन, पूजिए चरण चंडाल के जो होवे गुण प्रवीन.
गुरु रविदास ने समाज में फैली छुआछूत, जात-पात जैसी कुरीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद की थी. उन्होंने यही संदेश दिया कि ईश्वर ने इंसान को बनाया है न कि इंसान ने भगवान को और भगवान ने हर इंसान को समान अधिकार दिए हैं. कहा जाता कि भगवान श्रीकृष्ण की भक्त मीराबाई और चित्तौड़ के राणा सांगा की पत्नी झाली रानी भी उनकी शिष्य थीं. चित्तौड़ में संत रविदास की छतरी भी बनी है, जबकि वाराणसी में संत रविदास जी का भव्य मठ और मंदिर स्थित है, जहां रविदास जयंती पर उनके अनुयायियों की भारी भीड़ उमड़ती है.