Guru Purnima 2021 Messages in Hindi: इस साल 24 जुलाई (शनिवार) को आषाढ़ मास की पूर्णिमा मनाई जा रही है, जिसे गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) और वेद व्यास पूर्णिमा (Ved Vyas Purnima) के नाम से जाना जाता है. शिव पुराण के अनुसार, इसी पावन तिथि पर भगवान विष्णु के अंशावतार महर्षि वेद व्यास जी का जन्म हुआ था. मान्यता है कि महर्षि वेद व्यास (Maharishi Ved Vyas) ने ही मानव जाति को चारों वेदों का ज्ञान दिया था और पुराणों की रचना भी की थी. वेद व्यास जी को सृष्टि के पहले गुरु का दर्जा प्राप्त है, इसलिए हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व है. इस बार गुरु पूर्णिमा पर तीन शुभ योग विष्कुंभ योग, प्रीति योग और आयुष्मान योग का निर्माण हो रहा है. ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, इस योग में किए जाने वाले शुभ कार्यो में सफलता मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि, वैभव व धन की प्राप्ति होती है.
आषाढ़ पूर्णिमा के दिन गुरु पूर्णिमा या वेद व्यास पूर्णिमा का पर्व पूरे श्रद्धाभाव से मनाया जाता है, क्योंकि गुरु को भगवान से ऊपर का दर्जा दिया गया है, इसलिए इस दिन गुरु की पूजा की जाती है. गुरु पूर्णिमा के इस शुभ अवसर पर आप इन शानदार हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स, कोट्स, जीआईएफ इमेजेस को अपनों के साथ शेयर करके उन्हें शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- गुरु आपके उपकार का,
कैसे चुकाऊं मैं मोल?
लाख कीमती धन भला,
गुरु है मेरा अनमोल...
गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं
2- शांति का पढ़ाया पाठ,
अज्ञानता का मिटाया अंधकार,
गुरु ने सिखाया हमें,
नफरत पर विजय है प्यार.
गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं
3- आपसे से सीखा और जाना,
आप को ही गुरु माना,
सीखा सब आपसे हमने,
कलम का मतलब भी आपसे जाना.
गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं
4- करता करे ना कर सके, गुरु करे सब होय,
सात द्वीप नौ खंड में गुरु से बड़ा ना कोय,
मैं तो सात संमुद्र की मसीह करु, लेखनी सब बदराय,
सब धरती कागज करु पर, गुरु गुण लिखा ना जाय.
गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं
5- गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरः
गुरुः साक्षात्परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमः
गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं
गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु के पूजन की परंपरा है, क्योंकि शास्त्रों में गुरु को भगवान का दर्जा दिया गया है. ऐसे में इस दिन अपने गुरुओं और बड़ों का आशीर्वाद लेना चाहिए. इस शुभ अवसर पर अपने गुरुओं की पूजा और उनका सम्मान करते हुए उनके चरण स्पर्श करके आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए. गौरतलब है कि चारों वेदों, 18 पुराणों, महाभारत की रचना और कई अन्य ग्रंथों की रचना का श्रेय महर्षि वेद व्यास को दिया जाता है.