Guru Gobind Singh Jayanti 2024 Wishes in Hindi: नानकशाही कैलेंडर के अनुसार, सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी (Guru Gobind Singh) का जन्म सन 1666 में पौष महीने की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को पटना (Patna) में हुआ था और अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, इस साल गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती (Guru Gobind Singh Jayanti) 17 जनवरी 2024 को मनाई जा रही है, जिसे प्रकाश पर्व (Prakash Parv) के तौर पर भी सेलिब्रेट किया जाता है. इस साल गुरु गोबिंद सिंह जी की 357वीं जयंती मनाई जा रही है. उनकी माता का नाम गुजरी जी और पिता का नाम श्री गुरु तेग बहादुर जी था. जन्म के बाद उनका नाम गोविंद राय रखा गया था. महज 9 साल की उम्र में गुरु तेग बहादुर ने अपने बेटे गोविंद राय को सिखों का उत्तराधिकारी और दसवां गुरु नियुक्त कर दिया था.
अपने पिता गुरु तेग बहादुर के बलिदान के बाद गुरु गोबिंद सिंह जी ने महज 9 साल की उम्र में गुरुगद्दी पर बैठकर समाज को उचित दशा और दिशा दी थी. उन्होंने बहुत कम उम्र में मार्शल आर्ट और तलवार चलाना सीख लिया था, उनकी अद्भुत नेतृत्व क्षमता के कारण उन्हें संत सिपाही भी कहा जाता था. गुरु गोबिंद सिंह जयंती के इस खास अवसर पर आप इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स के जरिए अपनों को शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- राज करेगा खालसा,
बाकी रहे ना कोए,
वाहे गुरु जी का खालसा,
वाहे गुरु जी की फतेह...
गुरु गोबिंद सिंह जयंती की शुभकामनाएं
2- लख-लख बधाई आपको,
गुरु गोबिंद सिंह का आशीर्वाद मिले आपको,
खुशी का जीवन से रिश्ता हो ऐसा,
दीये का बाती संग रिश्ता है जैसा.
गुरु गोबिंद सिंह जयंती की शुभकामनाएं
3- आशीर्वाद मिले सबको गुरु का,
गुरु गोबिंद सिंह की कृपा हो,
घर-घर में छाए खुशहाली,
हो जाए सबकी जिंदगी निराली.
गुरु गोबिंद सिंह जयंती की शुभकामनाएं
4- ईश्वर ने मनुष्य को इसलिए जन्म दिया है,
ताकि वे संसार में अच्छे कर्म करें,
और बुराई से हमेशा दूर रहें...
गुरु गोबिंद सिंह जयंती की शुभकामनाएं
5- वाहे गुरु का आशीष सदा मिले,
ऐसी है सबके लिए कामना मेरी,
गुरु की कृपा से आएगी,
घर-घर में खुशहाली...
गुरु गोबिंद सिंह जयंती की शुभकामनाएं
गुरु गोबिंद सिंह (Guru Gobind Singh) में भक्ति और शक्ति का अद्भुत संगम था. गुरु गोबिंद सिंह जी एक महान योद्धा होने के साथ-साथ कई भाषाओं के जानकार, अच्छे लेखक और विद्वान भी थे, उन्होंने कई ग्रंथों की रचना भी की थी. गुरु गोबिंद सिंह वैसे तो धर्मगुरु थे, लेकिन सत्य और न्याय की रक्षा के लिए तथा धर्म की स्थापना के लिए उन्हें शस्त्र धारण करने पड़े थे. उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब को सिखों का गुरु घोषित करते हुए गुरु परंपरा को खत्म किया था और इसके लिए उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना आनंदपुर साहिब में 1699 को बैसाखी के दिन की थी.