Gudi Padwa 2020 Wishes In Hindi: हिंदू पंचांग के अनुसार, गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) का त्योहार हर साल चैत्र माह के शुक्ल प्रतिपदा (Chaitra Shukla Pratipada) को मनाया जाता है. इस साल गुड़ी पड़वा का त्योहार 25 मार्च को मनाया जा रहा है. इसी पर्व से हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है. खासकर महाराष्ट्र, गोवा, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में गुड़ी पड़वा की खासा धूम देखने को मिलती है. नववर्ष (New Year) की धूमधाम और खुशियों से शुरुआत करने के लिए इस दिन लोग अपने घरों के बाहर तोरण बांधते हैं, दरवाजे पर रंगोली बनाते हैं. भारत के विभिन्न इलाकों में इसे नव संवत्सर, उगादि जैसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है. इस दिन महाराष्ट्र में लोग एक लोटे पर स्वस्तिक बनाकर इस पर रेशम का कपड़ा लपेटकर अपने घरों की छतों पर लटकाते हैं. लोग पारंपरिक वस्त्र पहनते हैं और सूर्यदेव की आराधना की जाती है.
गुड़ी पड़वा यानी नववर्ष के पहले दिन लोग अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और प्रियजनों को इस पर्व की बधाई देते हैं. इसके साथ ही लोग अपने परिजनों और प्रियजनों की अच्छी सेहत की कामना भी करते हैं. आप भी इस शुभ अवसर पर इन शानदार हिंदी वॉट्सऐप स्टेटस, फेसबुक मैसेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, फोटो एसएमएस, वॉलपेपर्स के जरिए प्रियजनों को नववर्ष की शुभकामनाएं (Gudi Padwa Wishes) दे सकते हैं.
1- एक खूबसूरती, एक ताजगी,
एक सपना, एक सच्चाई,
एक कल्पना, एक एहसास,
एक आस्था, एक विश्वास,
यही है अच्छे दिन और नए साल की शुरुआत.
गुड़ी पड़वा की शुभकामनाएं
2- नए पत्ते आते हैं वृक्ष खुशी से झूम जाते हैं,
ऐसे मौसम में ही तो नया आगाज होता है,
हम यूं ही नए साल का जश्न नहीं मनाते,
हिंदू धर्म में यह त्योहार प्रकृति के बदलाव से आते.
गुड़ी पड़वा की शुभकामनाएं
3- नवदुर्गा के आगमन से सजता है नव वर्ष,
गुड़ी के त्योहार से खिलता है नव वर्ष,
कोयल गाती है नव वर्ष का मल्हार,
संगीतमय हो जाता है सारा संसार,
चैत्र की शुरुवात से होता है नव आरंभ,
यही है हिंदू नव वर्ष का शुभारंभ.
गुड़ी पड़वा की शुभकामनाएं
4- गुड़ी पाड़वा की है अनेक कथाएं,
गुड़ी ही विजय पताका कहलाए,
पेड़ पौधों से सजता हैं चैत्र माह,
इसलिए हिंदू धर्म में यह नव वर्ष कहलाए.
गुड़ी पड़वा की शुभकामनाएं
5- आपको आशीर्वाद मिले गणेश जी से,
विद्या मिले मां सरस्वती से,
दौलत मिले मां लक्ष्मी से,
खुशियां मिले रब से और प्यार मिले सब से,
गुड़ी पड़वा की शुभकामनाएं
गुड़ी पड़वा से जुड़ी पौराणिक मान्यता के अनुसार, रामायण काल में महाबलि राजा बालि के अत्याचारों से जनता पीड़ित थी. वनवास के दौरान श्रीराम जी को सुग्रीव से बालि के अत्याचारों की जानकारी मिली तो उन्होंने बालि से लंब समय तक युद्ध किया. माना जाता है कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन ही श्रीराम ने बालि पर विजय प्राप्त करके जनता को उसके अत्याचारों से मुक्ति दिलाई थी.