Ganpati Visarjan 2020 Dates: हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणपति बप्पा (Ganpati Bappa) का आगमन भक्तों के बीच होता है. इस साल 22 अगस्त 2020 को गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का पर्व मनाया जा रहा है, इसके साथ ही दस दिवसीय गणेशोत्सव (Ganeshotsav) की शुरुआत हो रही है. इस साल कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के कारण अन्य पर्वों की तरह गणेशोत्सव की रौनक भी थोड़ी फीकी पड़ती दिख रही है. कई बड़े सार्वजनिक पंडालों ने तो इस बार गणेशोत्सव के समारोह को रद्द कर दिया है, जबकि घरों में भी गणपति की स्थापना लोग बेहद सादगी से करने जा रहे हैं. 22 अगस्त को गणेश चतुर्थी से गणेशोत्सव की शुरुआत हो रही है और 1 सितंबर को अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) के साथ गणेशोत्सव के पर्व का समापन होगा. चलिए जानते हैं डेढ़ दिन के गणेश विसर्जन से लेकर गौरी विसर्जन और अनंत चतुर्दशी तक गणपति विसर्जन की सभी महत्वपूर्ण तिथियां...
कोरोना संकट को देखते हुए इस बार बहुत से लोगों को भीड़ से बचने के लिए अपने घरों में प्रतिमाओं को विसर्जित करने की अपील की गई है. यह उत्सव का एक इको-फ्रेंडली तकीका भी है. भगवान गणेश की प्रतिमाओं का नदी या तालाब में विसर्जन किया जाता है और भक्त गणपति बप्पा के अगले साल जल्दी आने की प्रार्थना करते हैं. आमतौर पर गणपति बप्पा की प्रतिमाओं को 1.5, 3, 7 और 10 दिनों के लिए स्थापित किया जाता है. बड़े सार्वजनिक पंडालों में 10 दिनों के लिए बप्पा की प्रतिमा स्थापित की जाती है, जबकि घरों में लोग अपनी परंपराओं और मान्यताओं के अनुसार डेढ़ दिन, ढाई दिन, पांच और सात दिन के लिए गणपति बप्पा की प्रतिमा रखते हैं. यह भी पढ़ें: Ganesh Chaturthi 2020 Makhar Decoration Ideas: गणपति बप्पा की स्थापना के लिए घर पर फूलों से कैसे बनाएं मखर और सिंहासन, ऐसे करें गणेशोत्सव के लिए सजावट (Watch Videos)
गणपति विसर्जन 2020 की महत्वपूर्ण तिथियां-
डेढ़ दिवसीय गणपति विसर्जन तिथि- 23 अगस्त 2020
तीन दिवसीय गणपति विसर्जन तिथि- 24 अगस्त 2020
पांच दिवसीय गणपति विसर्जन तिथि- 26 अगस्त 2020
गौरी गणपति विसर्जन तिथि- 27 अगस्त 2020
सात दिवसीय गणपति विसर्जन तिथि- 28 अगस्त 2020
दस दिवसीय गणपति विसर्जन/अनंत चतुर्दशी तिथि- 1 सितंबर 2020
गौरतलब है कि गणपति बप्पा की प्रतिमा का विसर्जन करने से पहले उनकी विधिवित पूजा की जाती है और आरती उतारी जाती है. आरती करने के बाद बप्पा को हल्दी, कुमकुम और फूल अर्पित किया जाता है. इसके बाद अपनी मनोकामना पूर्ति करने के लिए और अगले साल बाप्पा के जल्दी वापस आने की कामना करके प्रार्थना करनी चाहिए. इसके साथ ही बप्पा से जाने-अनजाने में हुई गलतियों के लिए क्षमा प्रार्थना की जाती है और गणपति बप्पा मोरया... अगले बरस तू जल्दी आ के जयकारे के साथ उनकी प्रतिमा को किसी नदी या तालाब में विसर्जित किया जाता है.