गंगा दशहरा 2018: जानिए क्या है गंगा दशहरा और इसका महत्व?

भागीरथ के अथक प्रयास के बाद इसी दिन मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थी. इस दिन कहा जाता है कि कम से कम दस लोगों को पानी दान करना चाहिए

गंगा दशहरा के दिन माता गंगा को याद करते हुए प्रार्थना करनी चाहिए

नई दिल्ली. गंगा दशहरा का पर्व ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है. इस दिन मां गंगा को याद करते हुए प्रार्थना की है. इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है. बड़ी संख्या में लोग आज के दिन गंगा स्नान करने के बाद उपवास रखते हैं. बता दें कि यदि जो गंगा नदी तक नहीं पहुंच सकते हैं वे नहाने के पानी में गंगा जल मिलाकर  स्नान कर सकते हैं. इस दिन कमाया हुआ पुण्य आने वाले सौ पीढ़ियों तक अपना असर दिखाता है.

गंगा दशहरा को लेकर यह भी मान्यता है कि भागीरथ के अथक प्रयास के बाद इसी दिन मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थी. इस दिन कहा जाता है कि कम से कम दस लोगों को पानी दान करना चाहिए. जैसे कोई राहगीर हो तो उसे पानी पिलाएं. इसका विशेष महत्व होता है. इसके साथ ही ऐसा करने वाला महापातकों के बराबर के दस पापों से छूटकारा प्राप्त कर लेता है. वहीं इस दिन शिव पूजा का भी विशेष महत्व माना जाता है.

मान्यता के अनुसार इस दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और भक्तों की हर मुराद पूरी करते हैं. इसके साथ ही मां गंगा स्नान करते समय ऊं नम: शिवाय नारायण्यै दशहरायै गंगायै नम: का जप करना चाहिए. बता दें इस दिन हरिद्वार, ऋषिकेश समेत कई प्रमुख गंगा घाट के किनारे भक्तगण स्नान करने पहुंचते हैं.

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