Gandhi Jayanti 2024 Wishes: गांधी जयंती के इन शानदार हिंदी Quotes, WhatsApp Messages, Facebook Greetings को भेजकर दें शुभकामनाएं
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर देशवासी न सिर्फ उन्हें याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, बल्कि इस दिन आजादी की लड़ाई में दिए गए उनके महत्वपूर्ण योगदान को भी याद किया जाता है और कई विशेष कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है. ऐसे में इस बेहद खास अवसर पर आप इन शानदार हिंदी विशेज, कोट्स, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स को भेजकर अपनों को गांधी जयंती की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
Gandhi Jayanti 2024 Wishes in Hindi: ‘दे दी हमें आजादी बिना खड़ग बिना ढाल, साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल’ जी हां, सत्य और अहिंसा के दम पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) ने कई आंदोलन किए थे, जिसकी बदौलत ब्रिटिश हुकूमत की नींव हिल गई और अंग्रेज भारत छोड़ने पर मजबूर हो गए. सत्य और अहिंसा (Truth and Nonviolence) के मार्ग पर चलते हुए भारत की आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाने वाले महात्मा गांधी की हर साल 2 अक्टूबर को जयंती (Gandhi Jayanti) मनाई जाती है. इस साल उनकी 155वीं जयंती मनाई जा रही है. उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर स्थित काठियावाड़ नामक स्थान पर हुआ था. महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है, जबकि प्यार से लोग उन्हें बापू कहते हैं. भारत में जहां 2 अक्टूबर को गांधी जयंती मनाई जाती है तो वहीं दुनिया भर में इस दिवस को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस (International day of Nonviolence) के तौर पर मनाया जाता है.
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर देशवासी न सिर्फ उन्हें याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, बल्कि इस दिन आजादी की लड़ाई में दिए गए उनके महत्वपूर्ण योगदान को भी याद किया जाता है और कई विशेष कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है. ऐसे में इस बेहद खास अवसर पर आप इन शानदार हिंदी विशेज, कोट्स, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स को भेजकर अपनों को गांधी जयंती की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले महान स्वतंत्रता सेनानी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एक ऐसी शख्सियत रहे हैं, जिन्होंने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए न सिर्फ आजादी की लड़ाई लड़ी, बल्कि उन्होंने इसी मार्ग पर चलते हुए अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर भी मजबूर कर दिया. बापू ने सन 1921 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बागडोर संभाली और उसके बाद उन्होंने गरीबी, महिला अधिकार, धार्मिक व जातिय एकता, आत्मनिर्भरता और सामाजिक अस्पृश्यता को दूर करने के लिए कई महत्वपूर्ण अभियान चलाए. अंग्रेजों के खिलाफ सत्याग्रह और आंदोलन करने की वजह से उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा.