दैवयोग से इस बार पुरुषोत्तम मास होने के कारण सावन में आठ सोमवार पड़ रहे हैं, जिसकी वजह से शिव भक्तों को कुल 8 सोमवार के व्रत, पूजा और विशेष अनुष्ठान आदि करने का अवसर मिल रहा है. यूं तो सावन का सोमवार अपने आप में विशिष्ठ महात्म्य वाला होता है, लेकिन विशेष योगों से इस दिन का महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है. उदाहरणार्थ सावन के इस चौथे सोमवार पर रवि योग प्रखर मुद्रा में होंगे, और इस दिन शिव वास होने के कारण निर्धारित समय में रुद्राभिषेक कराया जाए तो विशिष्ठ फल प्राप्त होगा. सावन के इस चौथे सोमवार जो 31 जुलाई को पड़ रहा है, के महात्म्य के संदर्भ में ज्योतिषाचार्य पंडित रविंद्र पाण्डेय क्या कहते हैं आइये जानें..यह भी पढ़ें: Sawan 2023: सावन माह में रुद्राभिषेक क्यों कराया जाता है? जानें इससे मिलने वाले विशेष लाभ!
सावन का चौथा सोमवार (31 जुलाई) शुभ मुहूर्त
- श्रावण अधिक मास त्रयोदशीः 07.26 AM (31 जुलाई 2023) तक रहेगा.
- श्रावण अधिक मास चतुर्दशीः 03,51 AM (01 अगस्त 2023) तक रहेगा.
- इसके बाद पूर्णिमा तिथि लग जायेगी. इस तरह सोमवार के दिन पूरे समय आप भगवान शिव की पूजा-अनुष्ठान कर सकते हैं.
इस चौथे सोमवार बन रहे हैं ये तीन योग
रवींद्र पांडेय के अनुसार सावन के इस चौथे सोमवार (31 जुलाई 2023) के दिन रवि योग का निर्माण हो रहा है. यह रवि योग प्रातःकाल 05.42 से शुरू होकर सायंकाल 06.58 बजे तक रहेगा. इसके साथ ही प्रातःकाल सूर्योदय से 11.05 बजे तक विष्कम्भ योग बन रहा है, इसके पश्चात प्रीति योग लग जाएगा. बता दें कि भगवान शिव का विशेष अनुष्ठान कराने के लिए रवि एवं प्रीति योग बहुत लाभकारी है. इसी दिन सूर्योदय से पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र लग रहा है, जो सायंकाल 06.58 बजे तक रहेगा, इसके पश्चात उत्तराषाढ़ा नक्षत्र लग रहा है.
इस चौथे सोमवार को रुद्राभिषेक का मुहूर्त
31 जुलाई 2023 सोमवार को प्रातःकाल सूर्योदय से लेकर 07.26 बजे तक नंदी पर शिव वास है. उसके बाद शिव वास भोजन में रहेगा. इसलिए जो जातक सावन के चौथे सोमवार को रुद्राभिषेक करवाना चाहता है, वे सूर्योदय से प्रातः 07.26 बजे तक करवा सकते हैं.
आज शिवजी की पूजा इस विधि से करें होगी हर मनोकामना पूरी
* इस सावन पर शिव मंदिर में मनोवांछित कामना के साथ भगवान शिव का गंगाजल से अभिषेक करें और शुद्ध घी के 11 दीप प्रज्वलित करें. इच्छा फलीभूत होगी.
* सावन के इस चौथे सोमवार को पारद शिवलिंग घर पर लाएं और विधिवत उनकी पूजा करें, इसके बाद श्रीहरि की पूजा करें. आपके आर्थिक क्षेत्र में आ रही सारी रुकावटें दूर होंगी. पदोन्नति अथवा व्यवसाय में लाभ प्राप्त होगा.
* अगर नवविवाहित दंपत्ति संतान सुख की इच्छा रखते हैं तो इस चौथे सोमवार को शिवलिंग पर शुद्ध घी अर्पित करने के पश्चात गंगाजल से शिवजी का अभिषेक करें, और इस दरमियान निम्न मंत्र का निरंतर जाप करते रहें.
ॐ नमः शिवाय
* आपकी कुंडली में किसी तरह के अशुभ ग्रहों का प्रभाव होने से दोष उत्पन्न हो रहा है तो तांबे के लोटे में गंगाजल लेकर उसमें काला तिल मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें. इससे आपकी कुंडली में स्थित सारे दोष दूर होंगे और आपका जीवन सुखमय रहेगा.