Eid Milad Un Nabi 2024 Messages: ईद-मिलाद-उन-नबी के इन हिंदी WhatsApp Status, GIF Greetings, Photo SMS, Quotes को शेयर कर प्रिजयनों को दें मुबारकबाद
ईद-मिलाद-उन-नबी का इस्लाम धर्म में काफी महत्व बताया जाता है और यह त्योहार इस्लामिक लोगों को एकता के सूत्र में बांधता है, साथ ही यह पैगंबर मोहम्मद की शिक्षाओं को याद करने का भी अवसर प्रदान करता है. इस मुबारक मौके पर आप इन हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप स्टेटस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, फोटो एसएमएस, कोट्स को शेयर कर प्रियजनों से ईद-मिलाद-उन-नबी मुबारक कह सकते हैं.
Eid Milad Un Nabi 2024 Messages in Hindi: ईद मिलाद-उन-नबी (Eid Milad Un Nabi) का इतिहास इस्लामिक धर्म के पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब (Prophet Hazrat Muhammad) के जन्म से जुड़ा हुआ है. उनका जन्म 570 ईस्वी में सऊदी अरब के मक्का में हुआ था. इस्लाम धर्म में सुन्नी समुदाय के लोग लोग पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जन्म को रबी-उल-अव्वल (Rabi-ul-Awal) की 12वीं तारीख को मनाते हैं, जबकि शिया समुदाय के लोग इस त्योहार को 17वें दिन मनाते हैं. यह दिन न केवल पैगंबर मोहम्मद के जन्म का प्रतीक है, बल्कि उनकी मृत्यु के शोक में भी इस दिन को याद किया जाता है. इस दिन रात भर प्रार्थनाएं होती हैं और जगह-जगह जुलूस भी निकाले जाते हैं. घरों और मस्जिदों में लोग कुरआन का पाठ करते हैं. इस दिन गरीबों को दान भी किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि ईद मिलाद-उन-नबी के दिन दान और जकात करने से अल्लाह मेहरबान होते हैं.
आज यानी 16 सितंबर 2024 को ईद-मिलाद-उन-नबी का पर्व मनाया जा रहा है. इसका इस्लाम धर्म में काफी महत्व बताया जाता है और यह त्योहार इस्लामिक लोगों को एकता के सूत्र में बांधता है, साथ ही यह पैगंबर मोहम्मद की शिक्षाओं को याद करने का भी अवसर प्रदान करता है. इस मुबारक मौके पर आप इन हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप स्टेटस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, फोटो एसएमएस, कोट्स को शेयर कर प्रियजनों से ईद-मिलाद-उन-नबी मुबारक कह सकते हैं.
इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, इस्लाम धर्म के आखिरी पैगंबर मोहम्मद साहब के जन्म से पहले ही उनके पिता का निधन हो चुका था, जब वो छह साल के हुए तब उनकी मां का भी निधन हो गया. मां के निधन के बाद पैगंबर मोहम्मद अपने चाचा अबू तालिब और दादा अबू मुतालिब के साथ रहने लगे. पैगंबर मोहम्मद साहब के पिता का नाम अब्दुल्लाह और माता का नाम बीबी आमिना था. कहा जाता है कि अल्लाह ने सबसे पहले पैगंबर हजरत मोहम्मद को ही पवित्र कुरआन अता की थी, जिसके बाद उन्होंने पवित्र कुरआन का संदेश दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाने का काम किया.