Dussehra 2020 Shastra Puja: दशहरा पर शस्त्र-पूजन की परंपरा! रावण का संहार करने से पूर्व श्रीराम ने भी की थी शक्ति एवं शस्त्रों की पूजा!

विजयदशमी का यह पर्व केवल भारत में ही नहीं बल्कि जहां-जहां श्रीराम के अनुयायी हैं, उन सभी जगहों पर हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. दशहरा वस्तुतः शक्ति का उत्सव होता है. और चूंकि शक्ति के प्रतीक अस्त्र-शस्त्र हमारी रक्षा करते हैं, इसीलिए इस दिन प्रत्येक हिंदू घरों में शस्त्रों की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है.

दशहरा 2020 (Photo Credits: File Image)

Dussehra 2020 Shastra Puja: हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष अश्विन मास की दशमी तिथि को विजय पर्व के रूप में विजयदशमी (Vijayadashami) मनाया जाता है. इसी दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के अवतार श्रीराम ने आतंक के प्रतीक रावण (Ravana) का संहार किया था. विजयदशमी यानी दशहरा का यह पर्व केवल भारत में ही नहीं बल्कि जहां-जहां श्रीराम (Lord Rama) अनुयायी हैं, उन सभी जगहों पर हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. दशहरा वस्तुतः शक्ति (Shakti) का उत्सव होता है. और चूंकि शक्ति के प्रतीक अस्त्र-शस्त्र हमारी रक्षा करते हैं, इसीलिए इस दिन प्रत्येक हिंदू घरों में शस्त्रों की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है. यह भी पढ़ें: Dussehra 2020: क्या विभीषण राष्ट्रद्रोही थे? अगर वे राम की मदद नहीं करते तो क्या रावण के प्राण बच जाते?

कैसे होती है पूजा?

विजयदशमी के दिन अस्त्र-शस्त्र की पूजा की परंपरा रामायण और महाभारत काल से चली आ रही है. इस दिन मूलतः देवी अपराजिता की पूजा की जाती है. पूजा में मां रणचंडी के साथ रहने वाली दो योगनियों जया और विजया का विशेष अनुष्ठान किया जाता है. अस्त्र-शस्त्र में जया-विजया का वास मानते हुए घर के समस्त आयुध को मंदिर के सामने रखकर उस पर पवित्र गंगाजल का छिड़काव करते हैं और अग्नि को साक्षी मानते हुए दीप प्रज्जवलित करते हैं.

माता काली का ध्यान करते हुए काली-स्त्रोत का पाठ करते हैं. अस्त्र-शस्त्रों पर रोली, अक्षत और पुष्प अर्पित करने के बाद भोग चढ़ाकर आरती उतारी जाती है. अंत में शस्त्र के स्वामी इन अस्त्रों का सांकेतिक रूप में इस्तेमाल करते हैं. शस्त्र पूजा में शमी के पत्ते का बहुत महत्व है. शमी के पत्तों को शस्त्रों पर चढ़ाकर उनकी पूजा की जाती है. इस विशेष पूजा अनुष्ठान के समय सुरक्षा कारणों से नाबालिग बच्चों को पूजा से दूर रखना होता है. यह भी पढ़ें: Vijayadashami 2020: दशहरा के शुभ दिन से जुड़ी हैं कई लोकमान्यताएं! जानें क्यों विजयादशमी पर नीलकंठ को देखना होता है शुभ, क्यों की जाती है शमी और शस्त्रों एवं वाहनों की पूजा

भारतीय सेना भी करती है दशहरे पर शस्त्र पूजा

विजयादशमी के दिन भारतीय सेना भी शस्त्रों की पूजा करती है. इस पूजा का उद्देश्य सीमा की सुरक्षा में शक्ति रूपिणी देवी जया और विजया का आशीर्वाद प्राप्त करना होता है. मान्यता है कि रामायण काल में भगवान श्रीराम ने भी रावण से युद्ध करने से पूर्व जया-विजया और अपने आयुधों की पूजा की थी. पिछले वर्ष विजयादशमी के दिन भारतीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने फ्रांस में राफेल विमान की पूजा की थी. इस वर्ष चीन से संभावित युद्ध की संभावनाओं को देखते हुए श्री राजनाथ सिंह विजयदशमी के दिन भारतीय सेना की हौसलाफजाई के लिए चीन की सीमा स्थित सिक्किम में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) शस्त्र पूजन करेंगे.

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