Dussehra 2019: देशभर में आज बुराई पर अच्छाई की जीत के पर्व विजयादशमी (Vijayadashami) यानी दशहरा (Dussehra) की धूम मची है. दशहरा के दिन देश में अलग-अलग जगहों पर रावण दहन (Ravan Dahan) का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है, जहां रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले का दहन किया जाता है. इस दिन मर्यादापुरुषोत्तम भगवान राम (Lord Ram) की पूजा की जाती है, लेकिन देश में कई ऐसी जगहें हैं जहां विजयादशमी पर श्रीराम की नहीं, बल्कि रावण की पूजा की जाती है. यहां तक कि दशहरे पर रावण दहन करने को महापाप समझा जाता है. यह तो सभी जानते हैं कि रावण (Ravan) एक प्रकांड ज्ञानी और भगवान शिव (Lord Shiva) का परम भक्त था. उसके जैसा विद्वान इस संसार में कोई नहीं था.
भारत के अलग-अलग हिस्सों में एक ओर जहां रावण के पुतले का दहन कर श्रीराम की पूजा की जाती है तो वहीं दूसरी तरफ कई जगहों पर विजयादशमी पर रावण की पूजा की जाती है. चलिए विस्तार से जानते हैं.
1- कानपुर, उत्तर प्रदेश
कानपुर के शिवाला में बना दशानन मंदिर साल में एक बार विजयादशमी के दिन भक्तों के लिए खुलता है. यहां दशहरा पर रावण का दहन करना महापाप समझा जाता है. विजयादशमी के दिन यहां रावण की प्रतिमा का दूध और जल से अभिषेक किया जाता है. मंदिर को फूलों से सजाया जाता है और भव्य तरीके से यहां रावण की पूजा की जाती है. दशहरे के मौके पर इस मंदिर में रावण के दर्शन करने के लिए भारी तादात में श्रद्धालु पहुंचते हैं और रावण दहन से पहले ही इस मंदिर के कपाट फिर से बंद कर दिए जाते हैं. यह भी पढ़ें: Dussehra 2019: दशहरे के खास मौके पर भव्य रामलीला और रावण दहन का कार्यक्रम देखने के लिए मुंबई और दिल्ली में इन जगहों का करें रुख
दशानन मंदिर में रावण के दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्दालु-
Devotees offer prayers at Dashanan Temple (a Ravan Temple) in Kanpur on #Dussehra. pic.twitter.com/IMIN2o22RB
— ANI UP (@ANINewsUP) October 8, 2019
2- बिसरख गांव, उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में जगह-जगह पर भगवान राम के कई मंदिर हैं, जहां विजयादशमी के अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना की जाती है, लेकिन यूपी में बिसरख एक ऐसा गांव हैं, जहां श्रीराम की नहीं, बल्कि रावण की पूजा की जाती है. इस गांव में विजयादशमी पर पूरे विधि-विधान के साथ रावण की पूजा की जाती है. कहा जाता है कि इस गांव का पुराना नाम विश्वेशरा था, जो रावण के पिता का नाम है.
3- उज्जैन का चिखली गांव, मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश स्थित उज्जैन के चिखली नाम के गांव में लंकापति रावण के पुतले का दहन नहीं किया जाता है. विजयादशमी पर यहां रावण की पूजा की जाती है. मान्यता है कि यहां अगर रावण की पूजा नहीं की गई तो पूरा गांव जलकर राख हो जाएगा, इसी मान्यता के चलते यहां कभी भी रावण का दहन नहीं किया जाता है.
4- मंदसौर, मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में भी दशहरे के दिन रावण की पूजा की जाती है. मंदसौल जिले को रावण का ससुराल माना जाता है. स्थानीय लोगों का मानना है कि पहले मंदसौर का नाम दशपुर था और यह रावण की पत्नी मंदोदरी का मायका हुआ करता था. यहां के लोग दामाद के सम्मान की परंपरा को कायम रखते हुए दशहरे पर रावण का दहन नहीं, बल्कि उसकी पूजा करते हैं.
5- विदिशा, मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के एक गांव में दशहरे के दिन भगवान राम की पूजा के साथ-साथ दशानन रावण की भी पूजा की जाती है. इस गांव में रावण का मंदिर भी बना हुआ है, जहां विजयादशमी पर विधि-विधान से रावण की पूजा की जाती है. इस गांव में भी रावण के पुतले का दहन करना पाप माना जाता है.
6- जोधपुर, राजस्थान
दशहरे पर जहां रावण के पुतले का दहन नहीं किया जाता है उन जगहों में राजस्थान के जोधपुर का नाम भी शामिल है. मान्यता है कि जोधपुर जिले में स्थित मंदोदरी नाम के क्षेत्र में रावण और मंदोदरी का विवाह हुआ था. मंदोदरी और रावण के विवाह स्थल पर आज भी रावण की चवरी नाम की एक छतरी मौजूद है. यहां रावण का मंदिर भी स्थित है, जहां रावण की पूजा की जाती है. यह भी पढ़ें: Dussehra 2019 Wishes & Messages: दशहरा के शुभ अवसर पर WhatsApp, Facebook, Twitter और Instagram के जरिए ये प्यारे हिंदी Greetings, GIF, Photo SMS, HD Wallpapers भेजकर दें सभी को इस पर्व की बधाई
7- बैजनाथ, हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश में भी विजयादशमी पर रावण के पुतले का दहन नहीं किया जाता है. मान्यता है कि हिमाचल प्रदेश के बैजनाथ में रावण ने भगवान शिव की तपस्या की थी. कांगड़ा जिले में स्थित बैजनाथ कस्बे में ही रावण को मोक्ष का वरदान मिला था, इसलिए यहां रावण का पुतला नहीं जलाया जाता है और विजयादशमी पर यहां रावण की पूजा की जाती है.
8- काकिनाड, आंध्र प्रदेश
आंध्र प्रदेश के काकिनाड में रहनेवाले लोग भगवान श्रीराम की शक्तियों को नमन जरूर करते हैं, लेकिन वो लंकापति रावण को शक्ति सम्राट मानकर उसकी पूजा करते हैं. यहां स्थित रावण मंदिर में आनेवाले भक्त भगवान शिव के साथ-साथ रावण की पूजा भी विधि-विधान से करते हैं.
9- मंडाया, कर्नाटक
कर्नाटक के मंडाया जिले में भी विजयादशमी पर रावण के पुतले का दहन करना पाप समझा जाता है. इस जिले में सालों से रावण की पूजा करने की परंपरा निभाई जा रही है. यहां मालवली नामक स्थान पर रावण का मंदिर बना हुआ है और लोगों का मानना है कि रावण एक महान शिवभक्त था, इसलिए वे रावण की पूजा करते हैं. यह भी पढ़ें: Happy Dussehra 2019 Wishes: विजयादशमी के पावन अवसर पर भेजें ये शानदार हिंदी WhatsApp Stickers, Facebook Messages, Greetings, SMS, GIF, Wallpapers और दें प्रियजनों को शुभकामनाएं
10- कोलार, कर्नाटक
यह तो सभी जानते हैं कि दशानन रावण भगवान शिव का परम भक्त था और उससे बड़ा शिव भक्त दूसरा कोई नहीं था. इस मान्यता के चलते कर्नाटक के कोलार जिले में कभी भी रावण के पुतले को नहीं जलाया जाता है. महान शिवभक्त होने के नाते यहां के लोग रावण की पूजा करते हैं.
गौरतलब है कि भारत के इन स्थानों पर अपनी-अपनी मान्यताओं के चलते लोग रावण दहन नहीं करते हैं और विजयादशमी के अवसर पर रावण की विधि-विधान से पूजा करते हैं.