Divine Quotes on Dev Uthani Ekadashi 2025: दिव्य योगों में बन रहे देवउठनी एकादशी पर इष्ट-मित्रों को ये कोट्स भेजकर श्रीहरि का आशीर्वाद प्राप्त करें!
ज्योतिषियों के अनुसार इस वर्ष कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी (देवउठनी एकादशी) पर कई मंगलकारी एवं शुभ योगों का संयोग बन रहा है. इन योगों में श्रीहरि की पूजा करने से हर कामनाएं पूरी होती हैं. देवउठनी एकादशी के संदर्भ में यहां कुछ दिव्य एवं आध्यात्मिक कोट्स दिए गए हैं, जिन्हें देवउठनी (प्रबोधिनी) एकादशी पर अपने इष्ट-मित्रों को साझा कर श्रीहरि का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करें.
Divine Quotes on Dev Uthani Ekadashi 2025: पौराणिक कथाओं के अनुसार कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की एकादशी को ब्रह्माण्ड के पालनहार भगवान विष्णु योग-निद्रा से जागृत होते हैं. इस शुभ अवसर पर देश भर में देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi) मनाई जाती है. इस वर्ष 2 नवंबर 2025, रविवार को देवउठनी एकादशी मनाई जाएगी. इसी दिन तुलसी विवाह का भी दिव्य आयोजन किया जाता है. ज्योतिषियों के अनुसार इस वर्ष कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी (देवउठनी एकादशी) पर कई मंगलकारी एवं शुभ योगों का संयोग बन रहा है. इन योगों में श्रीहरि की पूजा करने से हर कामनाएं पूरी होती हैं. देवउठनी एकादशी के संदर्भ में यहां कुछ दिव्य एवं आध्यात्मिक कोट्स दिए गए हैं, जिन्हें देवउठनी (प्रबोधिनी) एकादशी पर अपने इष्ट-मित्रों को साझा कर श्रीहरि का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करें.
1- ‘इस देवउठनी एकादशी पर, भगवान विष्णु आपके हृदय में जागृत हों और आपकी आत्मा को धर्म, शांति और समृद्धि की ओर ले जाएं.’
2- ‘जैसे ही भगवान विष्णु अपने दिव्य विश्राम से उठते हैं, आपके जीवन में नई शुरुआत हो, जो आनंद, ज्ञान और दिव्य कृपा लेकर आए.’
3- ‘हरि का जागरण ब्रह्मांड का जागरण है, आपकी आत्मा भी भक्ति और प्रकाश में जागृत हो.’
4- ‘देवउठनी एकादशी हमें याद दिलाती है कि विश्राम के बाद भी नवीनीकरण आता है, यह दिन आपकी यात्रा में नई शक्ति और उद्देश्य की प्रेरणा दे.’
5- ‘जब विष्णु जागते हैं, तो धर्म जागता है; सत्य, करुणा और प्रेम आपके भीतर जागृत हों.’
6- ‘प्रबोधिनी एकादशी पर, भगवान विष्णु आपके घर को विचारों की शुद्धता, मन की शांति और विश्वास की प्रचुरता का आशीर्वाद दें.’
7- ‘दिव्य निद्रा समाप्त होती है, संसार अनुग्रह से प्रफुल्लित होता है - आपकी आत्मा भी दिव्य चेतना के प्रकाश में जागृत हो.’
8- ‘अंतर में जागृति का शंख बजने दो - क्योंकि प्रत्येक एकादशी इस बात की याद दिलाती है कि ईश्वर उस हृदय में कभी नहीं सोते जो उसका स्मरण करता है.’
9- ‘देवउठनी एकादशी भक्ति के उदय का प्रतीक है - अपने आंतरिक प्रकाश को जागृत करो और सत्य एवं कृतज्ञता के मार्ग पर चलो.’
10- ‘जब भगवान विष्णु उठें, तो आपकी सभी चिंताएं हमेशा के लिए सो जाएं.’
मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की योग निद्रा से जागते हैं और सृष्टि का कार्यभार संभालते हैं. इसके साथ ही एक बार फिर से शुभ-मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है. शास्त्रों में देवउठनी एकादशी पर तुलसी विवाह का भी विशेष महत्व माना जाता है. कहते हैं कि, देवोत्थान पर तुलसी विवाह कराने पर साधक को कन्यादान के समान फल प्राप्त होता है। वहीं इस दिन व्रत रखने से भाग्योदय और कार्यों में मनचाहा फल भी प्राप्त होता है.