Happy Choti Diwali 2021 Wishes: हैप्पी छोटी दिवाली! इन शानदार हिंदी WhatsApp Stickers, Facebook Messages, GIF Greetings, Quotes, Images, SMS, Wallpapers के जरिए दें सबको बधाई
देशभर में छोटी दिवाली के पर्व को लोग अपनी-अपनी परंपराओं और रीति-रिवाजों के साथ मनाते हैं. इसके साथ ही हर कोई इस पर्व की खुशियां एक-दूसरे के साथ भी बांटता है. आप भी इन शानदार हिंदी विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, कोट्स, इमेजेस, एसएमएस, वॉलपेपर्स के जरिए सबको हैप्पी छोटी दिवाली कहकर शुभकामनाएं दे सकते हैं.
Happy Choti Diwali 2021 Wishes in Hindi: सालभर जिस त्यौहार का इंतज़ार रहता है वो त्यौहार यानी दीवाली आ गई है. धनतेरस (Dhanteras) और दीपावली (Deepawali) के बीच छोटी दिवाली (Choti Diwali) मनाई जाती है. इस दिन वैसे तो सार्वजनिक छुट्टी नहीं होती. दरअसल, हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक मास की चतुर्दशी तिथि को छोटी दिवाली मनाई जाती है. छोटी दिवाली को घरों में पुराने दीये जलाए जाते हैं, ऐसा करने के पीछे मान्यता है कि इससे दु:ख और दरिद्रता दूर होती है. इस दिन यमराज (Yamraj) की पूजा की जाती है और उनके निमित्त दीपदान (Deepdaan) किया जाता है. कहा जाता है कि ऐसा करने से मृत्यु के देवता यमराज प्रसन्न होते हैं और अकाल मृत्यु का खतरा टलता है. छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी (Naraka Chaturdashi), काली चौदस (Kali Chaudas), भूत चतुर्दशी (Bhoot Chaturdashi) और रूप चौदस (Roop Chaudas) जैसे विभिन्न नामों से भी जाना जाता है.
देशभर में छोटी दिवाली के पर्व को लोग अपनी-अपनी परंपराओं और रीति-रिवाजों के साथ मनाते हैं. इसके साथ ही हर कोई इस पर्व की खुशियां एक-दूसरे के साथ भी बांटता है. आप भी इन शानदार हिंदी विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, कोट्स, इमेजेस, एसएमएस, वॉलपेपर्स के जरिए सबको हैप्पी छोटी दिवाली कहकर शुभकामनाएं दे सकते हैं.
कहा जाता है कि छोटी दिवाली यानी नरक चतुर्दशी के दिन ही भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर नामक असुर का संहार करके उसकी कैद से 16 हजार कन्याओं को मुक्त कराया था. इस दिन सूर्योदय से पहले शरीर पर सरसों का तेल और उबटन लगाकर स्नान करने के बाद भगवान विष्णु या श्रीकृष्ण के दर्शन करने चाहिए. माना जाता है कि ऐसा करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति का सौंदर्य निखरता है. इसके अलावा इस दिन शाम को घर के बाहर मृत्यु के देवता यमराज के नाम दक्षिण दिशा में दीप जलाया जाता है. ऐसा करने से व्यक्ति को मृत्यु के बाद यम यातना नहीं झेलनी पड़ती है.