Naraka Chaturdashi 2020 Messages in Hindi: रोशनी के पर्व पांच दिवसीय दिवाली (Diwali) की शुरुआत धनतेरस (Dhanteras) से होती है. धनतेरस के अलगे दिन नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi) मनाई जाती है, जिसे छोटी दिवाली (Choti Diwali), काली चौदस (Kali Chaudas), रूप चौदस (Roop Chaudas), भूत चतुर्दशी (Bhoot Chaturdashi) जैसे विभिन्न नामों से जाना जाता है. नरक चतुर्दशी के दिन यमराज के निमित्त दीपदान किया जाता है. कहा जाता है कि यमराज की पूजा करने से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है और मृत्यु के बाद नरक यातना नहीं झेलनी पड़ती है. इस साल नरक चतुर्दशी का त्योहार 14 नवंबर 2020 (शनिवार) को मनाया जा रहा है. मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर नामक असुर का वध किया था, जिसके कारण इसे नरक चतुर्दशी कहा जाता है. नरकासुर का वध करके श्रीकृष्ण ने 16 हजार कन्याओं को उसके बंधन से मुक्त कराया था. नरकासुर से मुक्ति पाने की खुशी में देवगण और पृथ्वी वासी बहुत आनंदित हुए. माना जाता है कि तभी से इस पर्व को मनाने की परंपरा शुरू हुई.
नरक चतुर्दशी यानी छोटी दिवाली के शुभ अवसर अपने प्रियजनों को शुभकामनाएं भेजने के लिए अगर आप शुभकामना संदेशों की तलाश कर रहे हैं तो हम आपके लिए लेकर आए हैं नरक चतुर्दशी के शानदार मैसेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, कोट्स, जीआईएफ इमेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स, एसएमएस और वॉलपेपर्स, जिन्हें भेजकर आप इस पर्व की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- सुख-संपदा आपके जीवन में आए,
लक्ष्मी जी आपके घर में विराजें,
भूलकर भी आपके जीवन में,
कभी दुख ना आ पाए.
नरक चतुर्दशी की शुभकामनाएं
2- जैसे भगवान कृष्ण ने नरकासुर का नाश किया,
वैसे ही भगवान आपके जीवन से दुखों का नाश करें.
नरक चतुर्दशी की शुभकामनाएं
3- आपको आशीर्वाद मिले गणेश से,
विद्या मिले सरस्वती से,
धन मिले लक्ष्मी से,
खुशियां मिले रब से,
प्यार मिले सब से,
यही दुआ है दिल से.
नरक चतुर्दशी की शुभकामनाएं
4- दीप जलाओ, अंधेरा मिटाओ,
इस नरक चतुर्दशी के त्योहार पर,
चारों तरफ खुशहाली फैलाओ.
नरक चतुर्दशी की शुभकामनाएं
5- धनतेरस के अगले दिन,
नरक चतुर्दशी पर सुख-संपदा,
आपके जीवन में आए,
आप जीवन में हर खुशी पाएं
नरक चतुर्दशी की शुभकामनाएं
नरक चतुर्दशी का संबंध स्वच्छता से भी है, क्योंकि इस दिन लोग अपने घरों से कूड़ा-कचरा बाहर निकालते हैं. इसके अलावा यह भी मान्यता है इस दिन सूर्योदय से पहले शरीर पर तेल और उबटन लगाकर स्नान करने से रूप निखरता है, इसलिए इसे रूप चौदस भी कहा जाता है. मान्यता है कि इस दिन स्नान और यमराज के निमित्त दीपदान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और समस्त पापों से छुटकारा मिलता है.