Chhath Puja 2024 Rangoli Designs: छठ पूजा (Chhath Puja) का शुभ चार दिवसीय हिंदू त्योहार हर साल मनाया जाता है. यह भगवान सूर्य और उनकी बहन छठी मैया, देवी प्रकृति के छठे रूप की पूजा के लिए समर्पित है. यह उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल राज्यों में लोकप्रिय रूप से मनाया जाता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह कार्तिक या विक्रम संवत के चंद्र महीने के छठे दिन, दीपावली के छह दिन बाद मनाया जाता है. नहाय खाय छठ पूजा उत्सव का पहला दिन है. यह चार दिवसीय शुभ त्योहार की शुरुआत का प्रतीक है. इस दिन, छठ व्रत रखने वाली महिलाएं केवल एक बार भोजन करती हैं, और भक्त पवित्र स्नान करते हैं. यह भी पढ़ें: Chhath Puja 2024 Date: 5 से 8 नवंबर के बीच मनाई जाएगी छठ पूजा; नहाय खाय, खरना, संध्या अर्घ्य और बिहनिया अर्घ्य की तिथि और समय यहां देखें
खरना या लोहंडा छठ पूजा उत्सव का दूसरा दिन होता है. इस दिन भक्त निर्जला व्रत (पानी की एक भी बूंद पिए बिना उपवास) रखते हैं. यह व्रत सूर्योदय से सूर्यास्त तक रखा जाता है. सूर्यास्त के बाद, भक्त अपना व्रत तोड़ते हैं और सूर्य देव को भोजन अर्पित करते हैं. छठ पूजा का तीसरा दिन संध्या अर्घ्य के रूप में मनाया जाता है. इस दिन शाम के समय सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है और पूरी रात व्रत रखा जाता है.
हिंदू धर्म में मनाए जाने वाले महत्वपूर्ण त्योहारों की शुभता बढ़ाने के लिए घर के मुख्य द्वार पर रंगोली (Rangoli) बनाई जाती है, क्योंकि रंगोली को शुभता का प्रतीक माना जाता है. ऐसे में छठ पूजा का महापर्व हो और आप इसकी शुभता बढ़ाने के लिए घर-आंगन में रंगोली न बनाएं, ऐसा कैसे हो सकता है, इसलिए इस खास अवसर के लिए हम लेकर आए हैं छठ पूजा के मनमोहक और लेटेस्ट रंगोली डिजाइन्स, जिन्हें आप ट्यूटोरियल वीडियोज की मदद से आसानी से बना सकते हैं.
छठ पूजा स्पेशल रंगोली:
छठ पूजा के लिए आकर्षक रंगोली:
छठ पूजा की सरल रंगोली:
छठ पूजा के लिए आसान रंगोली डिजाइन:
छठ के चौथे और आखिरी दिन को उषा अर्घ्य या पारणा दिवस के रूप में जाना जाता है. यह दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए समर्पित है. इस दिन, भक्त सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करने के बाद अपना 36 घंटे का उपवास तोड़ते हैं. छठ पवित्रता, भक्ति और सूर्य देव को प्रार्थना करने का त्यौहार है. इस त्यौहार की सटीक उत्पत्ति अस्पष्ट है, लेकिन कुछ मान्यताएं हिंदू महाकाव्यों से जुड़ी हैं. रामायण और महाभारत दो महाकाव्य हैं जो छठ पूजा से जुड़े हैं.