Balram Jayanti 2020 Wishes & Photos: बलराम जयंती की प्रियजनों को दें बधाई, भेजें ये आकर्षक हिंदी GIF Greetings, Facebook Messages, HD Images, Wallpapers और WhatsApp Stickers
बलराम जयंती 2020 (Photo Credits: File Image)

Balram Jayanti 2020 Wishes & Photos In Hindi: भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) के जन्मोत्सव से पहले यानी आज (9 अगस्त 2020) देशभर में उनके बड़े भाई और शेषनाग (Sheshnag) के अवतार बलराम जी (Balram Ji) का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है, जिसे बलराम जयंती (Balram Jayanti) कहा जाता है. श्रावण पूर्णिमा के 6 दिन बाद भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को बलराम जी का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन उनकी जयंती मनाई जाती है. इसके अलावा उनके जन्मोत्सव को हलषष्ठी (Hal Shashthi), ललही छठ, हरछठ व्रत जैसे कई नामों से भी जाना जाता है. इस दिन महिलाएं निर्जल व्रत रखकर अपनी संतानी की लंबी उम्र के लिए हलधारी बलराम जी का पूजन करती हैं. भगवान बलराम का मुख्य शस्त्र हल और मूसल है, इसलिए उन्हें हलदार भी कहा जाता है.

श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम देवकी और वासुदेव की सातवीं संतान हैं. इस दिन किसान वर्ग भी हल, मूसल और बैलों की पूजा करते हैं. इस दिन हल से जुते हुए अनाज व सब्जियों का सेवन नहीं किया जाता है. इस शुभ अवसर पर आप अपने दोस्तों-रिश्तेदारों और करीबियों को इन आकर्षक हिंदी जीआईएफ ग्रीटिंग्स, फेसबुक मैसेजेस, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स, वॉट्सऐप स्टिकर्स, विशेज और फोटोज के जरिए बलराम जयंती की शुभकामनाएं दे सकते हैं.

1- बलराम जयंती 2020

बलराम जयंती 2020 (Photo Credits: File Image)

2- बलराम जयंती 2020

बलराम जयंती 2020 (Photo Credits: File Image)

3- बलराम जयंती 2020

बलराम जयंती 2020 (Photo Credits: File Image)

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4- बलराम जयंती 2020

बलराम जयंती 2020 (Photo Credits: File Image)

5- बलराम जयंती 2020

बलराम जयंती 2020 (Photo Credits: File Image)

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, बलराम जी भगवान विष्णु के शेषनाग के अवतार हैं. उन्होंने त्रेता युग में भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण के रूप में अवतार लिया था और द्वापर युग में जब श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम के रूप में शेषनाग अवतरित हुए थे. कहा जाता है कि शेषनाग भगवान विष्णु के बिना नहीं रहते हैं, इसलिए उनके हर अवतार के साथ शेषनाग भी अवतार लेते हैं. इस दिन महिलाएं बलशाली पुत्र की कामना से व्रत रखती हैं और जिनकी संतान हैं वो अपनी संतानी की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए इस व्रत का पालन करती हैं.