Atal Bihari Vajpayee Jayanti 2022 Quotes: भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जयंती पर अपनों संग शेयर करें उनके ये 10 महान विचार
अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे. राजनीति के क्षेत्र में उनकी भूमिका जितनी दमदार रही, उतनी ही दमदार उनकी भाषण शैली और लेखनी भी रही. वाजपेयी जितना अच्छा भाषण और जितना अच्छा लेखन करते थे, उनके विचार भी उतने ही महान थे. ऐसे में आप उनके इन 10 महान विचारों को अपनों संग शेयर करके अटल बिहारी वाजपेयी जयंती की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
Atal Bihari Vajpayee Jayanti 2022 Quotes: एक तरफ जहां दुनिया भर में 25 दिसंबर को क्रिसमस (Christmas) का त्योहार मनाया जाता है तो वहीं हमारे देश में पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती (Atal Bihari Vajpayee Jayanti) मनाई जाती है. अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर में एक स्कूल शिक्षक के घर में हुआ था. उनके पिता कृष्णबिहारी वाजपेयी हिंदी और ब्रज भाषा के कवि भी थे, इसलिए अटल बिहारी वाजपेयी को भी काव्य लिखने की कला विरासत में ही मिली. अपने छात्र जीवन में वाजपेयी ने पहली बार राजनीति में तब कदम रखा था, जब उन्होंने सन 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया था. सन 1951 में भारतीय जनसंघ (भारतीय जनता पार्टी) में शामिल होने के बाद उन्होंने पत्रकारिता छोड़ दी थी.
अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे. राजनीति के क्षेत्र में उनकी भूमिका जितनी दमदार रही, उतनी ही दमदार उनकी भाषण शैली और लेखनी भी रही. वाजपेयी जितना अच्छा भाषण और जितना अच्छा लेखन करते थे, उनके विचार भी उतने ही महान थे. ऐसे में आप उनके इन 10 महान विचारों को अपनों संग शेयर करके अटल बिहारी वाजपेयी जयंती की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- छोटे मन से कोई बड़ा नहीं हो सकता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं हो सकता.
2- राष्ट्र की सच्ची एकता तब पैदा होगी, जब भारतीय भाषाएं अपना स्थान ग्रहण करेंगी.
3- भुखमरी ईश्वर का विधान नहीं, मानवीय व्यवस्था की विफलता का परिणाम है.
4- निरक्षरता का और निर्धनता का बड़ा गहरा संबंध है.
5- जब तक सामाजिक न्याय नहीं है, तब तक स्वतंत्रता अपूर्ण है.
6- लक्ष्य के लिए की गई कड़ी मेहनत कभी भी आप पर थकान नहीं लाती, वो आपके लिए संतोष ही लाती है.
7- जीत और हार जीवन का एक अहम हिस्सा है, जिसे समानता के साथ देखना चाहिए.
8- ऊंची से ऊंची शिक्षा क्यों न हो, इसका आधार हमारी मातृभाषा होनी चाहिए.
9- कोई हथियार नहीं, बल्कि आपसी भाईचारा ही सभी समस्याओं का समाधान कर सकता है.
10- जीवन एक फूल के समान है, इसे पूरी ताकत के साथ खिलाओ.
गौरतलब है कि वाजपेयी जी राजनीति के क्षेत्र में करीब चार दशकों तक सक्रिय रहे. अपने इस राजनीतिक सफर के दौरान उन्हें नौ बार लोकसभा और दो बार राज्यसभा में चुना गया, जो कि किसी कीर्तिमान से कम नहीं है. उनमें कई खूबियां थीं. वो अपनी पार्टी ही नहीं, बल्कि विरोधी पार्टियों के लोगों को भी साथ लेकर चलने की कला जानते थे. उनकी यह खूबी उन्हें दूसरे राजनेताओं से काफी अलग बनाती थी, इसलिए उन्हें अजातशत्रु भी कहा जाता था. भारत के प्रति निस्वार्थ समर्पण और सेवा के लिए उन्हें पद्म विभूषण और भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से नवाजा जा चुका है.