Ashadhi Ekadashi 2022 HD Images: हैप्पी आषाढ़ी एकादशी! शेयर करें ये मनमोहक GIF Greetings, WhatsApp Wishes, Photo SMS और वॉलपेपर्स
आषाढ़ी एकादशी 2022 (Photo Credits: File Image)

Ashadhi Ekadashi 2022 HD Images: हर महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में एकादशी तिथि को व्रत किया जाता है. साल में पड़ने वाली सभी एकादशियां वैसे तो भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को अतिप्रिय है, लेकिन आषाढ़ मास (Ashadh Month) के शुक्ल पक्ष की एकादशी का खास महत्व बताया जाता है. इस एकादशी को देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi), आषाढ़ी एकादशी (Ashadhi Ekadashi), हरिशयनी एकादशी (Harishayani Ekadashi), पद्मनाभा एकादशी (Padmnabha Ekadashi) जैसे विभिन्न नामों से जाना जाता है. महाराष्ट्र में इस एकादशी को आषाढ़ी एकादशी के नाम से जाना जाता है और इस पर्व को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. इस साल आषाढ़ी एकादशी 10 जुलाई 2022 को मनाई जा रही है. मान्यता है कि आषाढ़ी एकादशी के दिन भगवान विष्णु चार महीने के लिए योगनिद्रा में चले जाते हैं और इसी के साथ चातुर्मास की शुरुआत हो जाती है.

आषाढ़ी एकादशी से चातुर्मास की शुरुआत होते ही चार महीनों के लिए सभी मांगलिक कार्य प्रतिबंधित हो जाते हैं. इस दिन विधि-विधान से श्रीहरि की पूजा की जाती है, जबकि महाराष्ट्र में विट्ठल-रुक्मिणी की खास पूजा-अर्चना की जाती है. ऐसे में इस अवसर पर आप इन मनमोहक एचडी इमेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप विशेज, फोटो एसएमएस और वॉलपेपर्स को भेजकर हैप्पी आषाढ़ी एकादशी कह सकते हैं.

1- आषाढ़ी एकादशी 2022

आषाढ़ी एकादशी 2022 (Photo Credits: File Image)

2- आषाढ़ी एकादशी 2022

आषाढ़ी एकादशी 2022 (Photo Credits: File Image)

3- आषाढ़ी एकादशी 2022

आषाढ़ी एकादशी 2022 (Photo Credits: File Image)

4- आषाढ़ी एकादशी 2022

आषाढ़ी एकादशी 2022 (Photo Credits: File Image)

5- आषाढ़ी एकादशी 2022

आषाढ़ी एकादशी 2022 (Photo Credits: File Image)

आषाढ़ी एकादशी या देवशयनी एकादशी का व्रत रखने वाले व्यक्ति को इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए. इसके बाद पूजा स्थल को साफ करके भगवान विष्णु की प्रतिमा को आसन पर स्थापित करें, फिर पीले चंदन, पीले वस्त्र, मौसमी फल और मिठाई अर्पित करें. धूप-दीप प्रज्जवलित करें. 'ओम् नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जप करें, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें और आषाढ़ी एकादशी की व्रत कथा पढ़ें या सुनें. आखिर में भगवान विष्णु की आरती करें.