Amla Navami 2021 Messages: आंवला नवमी पर इन हिंदी WhatsApp Stickers, Facebook Greetings, Wallpapers, Images को भेजकर दें शुभकामनाएं
आंवला नवमी 2021 (Photo Credits: File Image)

Amla Navami 2021 Messages in Hindi: आज (12 नवंबर 2021) आंवला नवमी (Amla Navami) का त्योहार मनाया जा रहा है. कहा जाता है कि इस दिन जो भी शुभ काम किया जाए, उसमें हमेशा बरकत होती है. आंवला नवमी को अक्षय नवमी (Akshaya Navami), धात्री नवमी (Dhatri Navami) और कूष्मांडा नवमी (Kushmanda Navami) भी कहा जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को यह पर्व मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन आंवले (Amla) की पूजा, जप, दान-पुण्य और सेवा जैसे शुभ कार्यों को करने से कई जन्मों तक पुण्य फलों की प्राप्ति होती है. इस दिन आंवले के पेड़ (Amla Tree) की पूजा करने से आरोग्य, सुख-समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद मिलता है. आंवले के वृक्ष के पूजन से व्यक्ति को सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

मान्यता है कि आंवला नवमी के दिन ही द्वापर युग की शुरुआत हुई थी और इसी युग में भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण ने जन्म लिया था. इस दिन आंवले के वृक्ष की जड़ में दूध चढ़ाकर रोली, अक्षत, पुष्प, गंध इत्यादि से पूजा की जाती है. इस अवसर पर आप इन हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स, कोट्स, इमेजेस को भेजकर शुभकामनाएं दे सकते हैं.

1- आंवला नवमी 2021

आंवला नवमी 2021 (Photo Credits: File Image)

2- आंवला नवमी 2021

आंवला नवमी 2021 (Photo Credits: File Image)

3- आंवला नवमी 2021

आंवला नवमी 2021 (Photo Credits: File Image)

4- आंवला नवमी 2021

आंवला नवमी 2021 (Photo Credits: File Image)

5- आंवला नवमी 2021

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6- आंवला नवमी 2021

आंवला नवमी 2021 (Photo Credits: File Image)

आंवला नवमी से जुड़ी प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, एक राजा रोजाना सवा मन आंवला दान करके भोजन करते थे, जिसके कारण उन्हें आंवल्या राजा कहा जाता था, लेकिन उनकी दान प्रवृत्ति उनके पुत्र और वधू को रास नहीं आई. पुत्र ने जब उन्हें दान करने से रोका तो उन्होंने रानी समेत महल को छोड़ने का फैसला किया और जंगल चले गए.

जंगल में आंवला दान न कर पाने के कारण उन्होंने करीब सात दिन तक भोजन नहीं किया. राजा की इस दृढ़ता और तपस्या से भगवान खुश हुए, जिससे जंगल के बीचों-बीच एक सुंदर महल और बाग-बगीचे खड़े हो गए. वहीं दूसरी तरफ राजा के पुत्र और वधू से दुश्मनों ने सारा राजपाट छीन लिया. सब कुछ गंवाने के बाद दोनों को अपनी गलती का एहसास हुआ, जिसे बाद क्षमा मांगते हुए दोनों राजा-रानी के पास लौट आए.