Jumu'atul-Wida or Alvida Jumma Namaz at Home: आज रमजान के पवित्र महीने का आखिरी जुम्मा है. इस जुम्मा को जुमातुल विदा या अलविदा जुम्मा भी कहा जाता है. भारत में ईद-उल-फितर त्योहार या तो 24 मई या 25 मई को मनाया जाएगा, जो कि चांद दिखने पर निर्भर करेगा. चूंकि कोरोनोवायरस के प्रकोप के कारण पूरे देश में लॉकडाउन है, इसलिए देश भर में मस्जिदें बंद हैं. अलविदा जुम्मा और ईद की नमाज के संदर्भ में, लखनऊ के ईदगाह के शाही इमाम और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कार्यकारी सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने एक फतवा और दिशानिर्देश जारी किया है, जिसमें मुसलमानों से घरों में नमाज अदा करने का आग्रह किया गया है.
बता दें कि जुमातुल विदा के दिन खास खुद्बा होता है. बहरहाल, रमजान के महीने के ख़त्म होने की वजह से आज ज्यादातर समुदाय के लोग गमगीन है. उन्हें लग रहा है कि कितने जल्द ये मुक़द्दस महिना जिसका वे साल भर इन्तेजार कर रहे थे ख़त्म हो रहा है.
इस बीच मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने एक न्यूज़ पोर्टल को कहा कि "रमजान की अंतिम जुम्मे की नमाज़, अलविदा जुम्मे की नमाज़ घर पर 4-5 लोगों के साथ मिलकर जमात के रूप में पढ़ सकते हैं, जबकि जो लोग मस्जिद में रहेंगे, वे वहीं अलविदा नमाज़ अदा करेंगे. रमज़ान के इन अंतिम कुछ दिनों में, खरीदारी के लिए बाहर नहीं जाए, जब तक कोई आपात स्थिति न हो बाहर ना निकले "
लखनऊ के ईदगाह के शाही इमाम ने ईद के मौके पर भी ऐसे ही घर में नमाज अदा करने को कहा, "केवल 4-5 लोग जो मस्जिदों में रहते हैं, वे इसके अंदर ईद नमाज पढेंगे. बाकी सभी मुसलमानों को सलाह दी जाती है कि वे अपने-अपने घरों में ईद की नमाज अदा करें." चूंकि जुम्मा और ईद की नमाज के लिए भी खुतबा अनिवार्य है, इसलिए इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने उसी की एक छोटी क्लिप जारी किया है. खुत्बा एक धार्मिक व्याख्यान है जिसे इमाम शुक्रवार और ईद की नमाज़ के दौरान देते हैं.