डॉमिनोज ने दुनिया का सबसे सस्ता पिज्जा भारत में पेश किया है
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

पिज्जा कंपनी डॉमिनोज ने भारत में दुनिया का सबसे सस्ता पिज्जा पेश किया है. इसकी कीमत रखी गई है 0.60 डॉलर यानी 49 रुपए. अमेरिका के बाद भारत डॉमिनोज का सबसे बड़ा बाजार है.बहुराष्ट्रीय खाद्य कंपनियों के लिए भारत बेहद मुनाफा वाला लेकिन कड़ी प्रतियोगिता वाला देश है. पिज्जा की कीमत को इतना नीचे ले आना इसी रेस में आगे निकलने की कोशिश है. कंपनी के सीईओ समीर खेत्रपाल बताते हैं कि आसमान छूती कीमतों ने मुनाफा कम किया है और ग्राहकों की जेब पर बोझ बढ़ाया है. कंपनी उस कीमत के दायरे में बिजनेस चाहती हैं जहां लोगों को आकर्षित किया जा सके.

सात इंच के इस पिज्जा में चीज के साथ बेसिल और पार्स्ले होगा यानी सब्जियां नदारद. शायद ग्राहक इस काम दाम वाले पिज्जा के लालच में आकर ऑर्डर करें और दूसरी सब्जियां डलवाने के लिए ज्यादा पैसे दें. बाजार पर अपनी पकड़ बनाए रखने में कंपनी को अपने इस दांव के काम आने की उम्मीद है.

भारतीय ग्राहकों पर नजर

डॉमिनोज का भारतीय बाजार में 12.1 फीसदी हिस्से पर कब्जा है. इस ताजा योजना की संभावनाओं के बारे में खेत्रपाल कहते हैं,"आप स्टोर में आएंगे या ऐप खोलेंगे क्योंकि 49 रुपए का पिज्जा मिल रहा है. महंगाई की वजह से ग्राहक बाहर से कम खाना खाएंगे, हमारे ग्राहक किसी और कंपनी के पास नहीं जाने चाहिए."

जंक फूड में तय मात्रा से अधिक नमक और वसा

अगर एशियाई बाजारों में तुलना की जाए तो डॉमिनोज का सबसे सस्ता पिज्जा शंघाई में मिलता है जिसकी कीमत 3.80 डॉलर यानी 300 रुपए के आस-पास है. दूसरी तरफ सैन फ्राांसिस्को में एक पिज्जा 12 डॉलर का है यानी करीब 985 रुपए. मुद्रास्फीति की बढ़ी दर ने पिज्जा की दुनिया में कीमतों की लड़ाई को हवा दी है और भारत में इस प्रयोग का असर देखना दिलचस्प होगा.

पिज्जा, बर्गर और चिकेन बेचने वाले रेस्टोरेंट के 2.1 अरब डॉलर के भारतीय बाजार में पश्चिमी ब्रांड छाए हैं. इनकी बिजनेस की रफ्तार धीमी पड़ी है. जहां 2021 में ये कंपनियां 43 फीसदी की दर से बढ़ी, वहीं अब अनुमान है कि 2027 तक इनकी विकास दर 15 फीसदी की आस-पास रहेगी.

फास्ट फूड बाजार

डॉमिनोज, पिज्जा हट और बर्गर किंग जैसी फास्ट फूड कंपनियां महंगाई का मुकाबला करने के लिए लगातार तरीके खोज रही हैं. आखिरकार एक अरब से ज्यादा आबादी वाले बाजार को रिझाना इतना आसान भी नहीं है. समीर खेत्रपाल जुबिलैंट फूडवर्क्स के मालिक हैं जो भारत में डॉमिनोज चेन चलाते हैं. इसकी 1816 आउटलेट चलाने वाले खेत्रपाल कहते हैं हर सोमवार अपने स्टाफ के साथ वो बढ़ती कीमतों से जूझने के नए उपायों पर बातचीत करते हैं.

2023 के शुरूआती तीन महीनों में ही कंपनी के मुनाफे में 70 फीसदी की कमी दिखाई दी. अपनी जमीन बचाए रखने के लिए डॉमिनोज ने कई तरीके अपनाए हैं जैसे कंपनी ने दिसंबर महीने से अपने पिज्जा के बॉक्स से ढक्कन हटा दिए हैं. इससे हर डिब्बे की लागत पर करीब 50 पैसे की बचत होगी. कंपनी को इससे अपनी कीमतों में कटौती की आस क्योंकि डॉमिनोज का 37 फीसदी बिजनेस स्टोर में आने वाले ग्राहकों से है.

क्यों ना जान बचाने वाला खाना सस्ता हो

पिछले तीस सालों के दौरान इन कंपनियों ने भारतीय बाजार पर जो पकड़ बनाई है, उसे बनाए रखने की चुनौती बनी हुई. खासकर तब जब भारत में गली-कूचों में खाने की अपनी विविध संस्कृति है और मुकाबला 10 रुपए में मिलने वाले, कड़ाही से निकले गर्मागर्म समोसे से है.

एसबी/एनआर (रॉयटर्स)