12 November 2024 Ka Panchang: सनातन धर्म में शुभ एवं कार्य अथवा शुभ यात्रा आदि के लिए शुभ दिन एवं शुभ मूहूर्त देखकर कार्य करने का विधान है. जिसका मुख्य उद्देश्य यही है कि कार्य समय पर पूर्णता के साथ सम्पन्न हो. हिन्दू पंचांग इस सौहार्द को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
इसके उपयोग से व्यक्ति को शुभ तिथि, शुभ योग और अशुभ काल में ज्योतिषीय अंतर्दृष्टि प्राप्त होती है. ताकि हम बिना समय गंवाएं अपने समय और कार्य का अधिकतम लाभ उठा सकें. आज हम 12 नवंबर 2024, मंगलवार के पंचांग से जानेंगे कि हमें अपने पूरे दिन के कार्यक्रम को कब-कब अंजाम देना चाहिए और कब नहीं. ये भी पढ़े:Panchang 08 November 2024: आज सूर्योदय के साथ अर्घ्य देकर सम्पन्न होगा छठ पर्व? जानें आज का शुभ-अशुभ काल, सूर्य, चंद्रमा, ग्रह एवं नक्षत्रों की स्थिति!
कार्तिक शुक्ल पक्ष एकादशी, पिंगल संवत्सर विक्रम संवत 2081, शक संवत 1946 (क्रोधी संवत्सर), कार्तिक. एकादशी तिथि, 04.05 PM तक उपरांत द्वादशी. नक्षत्र पूर्वभाद्रपदा 07.52 AM तक उपरांत उत्तरभाद्रपदा 05.40 AM तक उपरांत रेवती. हर्षण योग 07.09 PM तक, उसके बाद वज्र योग. करण विष्टि 04.05 PM तक, बाद बव 02.35 AM तक, बाद बालव.
12 नवम्बर 2024, मंगलवार को राहु: 02.55 PM से 04.17 PM तक है. चन्द्रमा मीन राशि पर संचार करेगा.
सूर्योदयः 06.48 AM
सूर्यास्तः 05.26 PM
चन्द्रोदय: 15.02 PM
चन्द्रास्त: 02.30 AM
सूर्य राशि: तुला
चन्द्र राशि: मीन
अग्निवास पृथ्वी
दिशा शूल उत्तर
शिववास क्रीड़ा में
आज 12 नवंबर 2024, सोमवार का पंचांग
तिथि | एकादशी तिथि: 04.05 PM तक द्वाद्वशी |
पक्ष | शुक्ल |
वार | मंगलवार |
नक्षत्र | पूर्वभाद्रपदा 07.52 AM तक उपरांत उत्तरभाद्रपदा |
योग | हर्षण योग 07.09 PM तक, उसके बाद वज्र योग |
राहुकाल | 02.47 PM – 04.06 PM |
सूर्योदय-सूर्यास्त | 06.48 AM से 05.26 PM |
चंद्रोदय-चंद्रास्त | 15.02 PM - 02.30 AM |
दिशा शूल | उत्तर दिशा |
चंद्रमा राशि | मीन राशि पर संचार करेगा |
सूर्य राशि | सूर्यः तुला राशि में |
शुभ मुहूर्त, 12 नवंबर 2024
ब्रह्म मुहूर्त | 04.56 AM से 05:49 AM |
अभिजीत मुहूर्त | 11.44 AM से 12.27 PM |
गोधुलि बेला | 05.29 PM से 05.55 PM |
निशिता काल | 11.39 PM से 12.32 AM, (13 नवम्बर) |
अमृत काल | 01.19 AM, (13 नवम्बर 2024) 02.46 AM |
विजय मुहूर्त | 01.53 PM से 02.36 PM |
अशुभ मुहूर्त
गुलिक काल: 12.07 – 13.27
यमगण्ड: 09.28 – 10.47
दूर मुहूर्तम्: 02.38 – 02.40 12.49 – 14.27
व्रज्याम काल: None
राहू काल: 02.47 PM – 04.06 PM
शुभ समय
ब्रह्म मुहूर्त: 04.56 AM से 05:49 AM
प्रातः सन्ध्या 05. 22 AM से 06.42 AM
अभिजित मुहूर्त: 11.44 AM से 12.27 PM
विजय मुहूर्त: 01.53 PM से 02.36 PM
गोधूलि मुहूर्त: 05.29 PM से 05.55 PM
अमृत काल: 01.19 AM, (13 नवम्बर 2024) 02.46 AM (13 नवम्बर)
निशिता मुहूर्त: 11.39 PM से 12.32 AM, (13 नवम्बर)
सर्वार्थ सिद्धि योग: 07.52 AM से 05.40 AM, (13 नवम्बर)
रवि योग: 06.42 AM से 07.52 AM
आज का व्रत-पर्व एवं उपाय
साल की सभी चौबीसों एकादशियों में आज की देवउठनी एकादशी का विशेष महत्व वर्णित है. क्योंकि चातुर्मास के पश्चात देवउठनी एकादशी से ही सनातन धर्म में विवाह एवं अन्य शुभ-मंगल कार्य शुरू किये जाते है. देव उठनी एकादशी पर भगवान कृष्ण को नारियल और बादाम का भोग लगाएं. पूजा के बाद इस नारियल और बादाम को छोटे बच्चों को खाने के लिए बांट दें. इस तरह लगातार 27 एकादशियों तक करने से हर इच्छा पूर्ण होती है. इस दिन उनके प्रिय मंत्र 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' का 21 माला जप करने से व्यक्ति पर अचानक आने वाले कष्ट दूर होते हैं.