Bhaubeej Wishes in Marathi 2021: भाई दूज पर ये मराठी विशेज WhatsApp Sticker और HD Images के जरिये भेजकर दें शुभकामनाएं
भाई-बहन के प्यार और बंधन का त्योहार पूरे उत्तर भारत में बहुत धूमधाम और धूमधाम से मनाया जाता है. भाई दूज पर, बहनें अपने भाइयों के लिए टीका तिलक समारोह कर लंबे और सुखी जीवन की प्रार्थना करती हैं, और समारोह के बाद भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं. भाई दूज हिंदू महीने कार्तिक में शुक्ल पक्ष के दूसरे दिन मनाया जाता है. इस साल यह 6 नवंबर को मनाया जा रहा है....
Bhaubeej Wishes in Marathi 2021: भाई-बहन के प्यार और बंधन का त्योहार पूरे उत्तर भारत में बहुत धूमधाम और धूमधाम से मनाया जाता है. भाई दूज पर, बहनें अपने भाइयों के लिए टीका / तिलक समारोह कर लंबे और सुखी जीवन की प्रार्थना करती हैं, और समारोह के बाद भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं. भाई दूज हिंदू महीने कार्तिक में शुक्ल पक्ष के दूसरे दिन मनाया जाता है. इस साल यह 6 नवंबर को मनाया जा रहा है. भैया दूज को भाऊ बीज और भथरू द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू परंपराओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि कार्तिक द्वितीया को देवी यमुना ने अपने भाई यमराज को अपने घर पर ही भोजन कराया था. तभी से इस दिन को यम द्वितीया के नाम से जाना जाता है. यह भी पढ़ें: Bhai Dooj 2021 HD Images: भाई दूज के इन प्यारे WhatsApp Status, Facebook Greetings, Photos, Wallpapers से बनाएं पर्व को खास
भाई दूज उत्सव की शुरुआत से जुड़ी कई कहानियां हैं. कुछ किंवदंतियों के अनुसार, यमुना, मृत्यु के देवता की बहन, यमराज ने अपने भाई को कई बार बुलाया लेकिन यमराज उससे मिलने नहीं जा सके. जब वह अंत में आए, तो यमुना अत्यंत प्रसन्न हुई और उस पर अपने प्रेम की वर्षा की. उसने उसके सिर पर एक औपचारिक तिलक लगाया और अपने प्यारे भाई के लिए विभिन्न स्वादिष्ट व्यंजन तैयार किए. खुश होकर यमराज ने अपनी बहन से वर मांगने को कहा. यमुना ने यमराज से कहा कि वह हर साल उनसे मिलने के लिए खुद के लिए एक दिन समर्पित करें. इसलिए, भाई दूज त्योहार तब शुरू हुआ जब हर भाई अपनी बहनों के घर जाता है. तबसे भाई दूज का त्यौहार मनाया जाता है. इस दिन हर भाई बहन एक दूसरे को ग्रीटिंग्स और विशेज भेजकर शुभकामनाएं देते हैं. आप भी नीचे दिए गए HD Images, Wallpapers और WhatsApp Sticker के जरिये भेजकर शुभकामनाएं दे सकते हैं.
अन्य किंवदंतियों का कहना है कि भगवान कृष्ण नरकासुर का वध करके अपनी बहन सुभद्रा के घर गए थे. सुभद्रा ने आरती करके, माथे पर तिलक लगाकर और फूल और स्वादिष्ट भोजन देकर उनका स्वागत किया. यहीं से भाई दूज का त्योहार शुरू हुआ. हमारी ओर से आप सभी को भाई दूज की शुभकामनाएं!