श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर से मोदी सरकार (Modi Govt) द्वारा धारा 370 (Article 370) हटाये जाने के बाद से ही पूरे कश्मीर में माहौल गर्म है. सरकार के इस फैसले को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी की तरफ से एक बयान आया है. जिस बयान में भारतीय जनता पार्टी सरकार को लेकर कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर में 1975 की इमरजेंसी से भी बुरे हालात हैं. क्योंकि क्षेत्रीय दल के नेताओं को घरों में कैद कर उन पर पाबंदियां लगाई गई हैं. बीजेपी ने ऐसा कर आपात इतिहास को एक बार फिर से दोहराया है.
दरअसल जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाये जाने को लेकर शनिवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस की तरफ से एक बैठक का आयोजन किया गया था. जिस बैठक में कहा गया कि अगर जम्मू-कश्मीर में सरकार हालात सामान्य दिखाने की कोशिश कर रही है, तो जम्मू, कश्मीर और लद्दाख क्षेत्र में क्षेत्रीय दलों के नेताओं पर पाबंदियां क्यों लगाई गई हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला को छह दिन से घरों में कैद किया गया है. सरकार ऐसा करके इस लोकतांत्रिक व्यवस्था में लोगों की आवाज दबाने की कोशिश की है. यह भी पढ़े: अनुच्छेद 370: जम्मू-कश्मीर के बाहर की जेलों में भेजे गए पाक समर्थित कैदी
बता दें कि मोदी सरकार ने पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने को लाकर एक बड़ा फैसला लेते हुए इस धारा को वहां से खत्म कर दिया. जिसके बाद दो केंद्र शासित राज्य जम्मू-कश्मीर और लद्दाख बना दिया. सरकार के इस फैसले के बाद से ही जम्मू-कश्मीर के नेता नाराज हो उठे और वे इस फैसले का विरोध कर रहे हैं.