India-China Relations: चीन के विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) आज दो दिवसीय भारत यात्रा पर दिल्ली पहुंचे, जहां विदेश मंत्रालय के पूर्वी एशिया प्रभाग के संयुक्त सचिव गौरांगलाल दास (Gauranglal Das) ने हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया. यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) जल्द ही चीन जाने वाले हैं, जहां वे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. सोमवार शाम को विदेश मंत्री एस जयशंकर (EAM S Jaishankar) ने वांग यी से मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच यह विशेष प्रतिनिधि (SR) वार्ता का 24वां दौर था. जयशंकर ने अपने संबोधन में कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत और चीन ने संबंधों में कठिन दौर देखा है. अब दोनों देशों को आगे बढ़ने के लिए खुलकर और रचनात्मक बातचीत करनी होगी.
उन्होंने यह भी कहा कि यह बैठक न केवल द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करने का, बल्कि विश्व की वर्तमान स्थिति पर विचार साझा करने का भी एक अवसर है.
वांग यी के साथ एस जयशंकर की मुलाकात
In his meeting with Chinese Foreign Minister Wang Yi, EAM @DrSJaishankar says, India 🇮🇳 and 🇨🇳China now seek to move ahead after having seen a difficult period in the bilateral relationship. In this endeavour, both nations must be guided by the three mutuals - mutual respect,… pic.twitter.com/sGQUN15e0n
— All India Radio News (@airnewsalerts) August 18, 2025
सीमा विवाद पर फोकस
वांग यी की यह यात्रा मुख्य रूप से सीमा विवाद (India China Border Dispute) को लेकर है. वह मंगलवार सुबह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval) से मुलाकात करेंगे. दोनों इस मुद्दे पर भारत और चीन के विशेष प्रतिनिधि हैं. 2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प (Galwan Valley Clash) के बाद से दोनों देशों के संबंध काफी तनावपूर्ण रहे हैं. इस वजह से उम्मीद है कि इस बार वार्ता में विश्वास बहाली की नई पहल की जाएगी और सीमा पर शांति बनाए रखने के उपायों पर चर्चा होगी.
PM मोदी से मुलाकात का कार्यक्रम
वांग यी मंगलवार शाम 5:30 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से उनके आवास लोक कल्याण मार्ग पर मुलाकात करेंगे. माना जा रहा है कि इस बैठक में सीमा विवाद (Border dispute) के अलावा द्विपक्षीय व्यापार, क्षेत्रीय सहयोग और वैश्विक स्थिति पर भी चर्चा होगी.
भू-राजनीतिक पृष्ठभूमि
यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत-अमेरिका संबंधों (India-US Relations) में भी खटास आ रही है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने हाल ही में भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ में 50% (Tariff) की वृद्धि की है और रूसी तेल खरीदने पर अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया है. इस पृष्ठभूमि में, भारत-चीन वार्ता (India-China Talks) और भी महत्वपूर्ण हो जाती है. दोनों देशों के बीच बातचीत का एशिया और वैश्विक राजनीति में स्थिरता पर प्रभाव पड़ना तय है.
कुल मिलाकर, वांग यी की यह यात्रा दोनों देशों के संबंधों में एक नए अध्याय की शुरुआत साबित हो सकती है. हालांकि सीमा विवाद जैसे जटिल मुद्दों का ठोस समाधान निकालना इतना आसान नहीं है, लेकिन निरंतर बातचीत ही संबंधों को बेहतर बनाने का सबसे बड़ा तरीका है.













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