India-China Relations: विदेश मंत्रालय ने चीन में हाल ही में हुए एक मामले को ध्यान में रखते हुए भारतीय यात्रियों के लिए सतर्कता एडवाइजरी जारी कर दी है. मंत्रालय का कहना है कि कुछ भारतीय नागरिकों के साथ चीनी एयरपोर्ट्स पर अनुचित व्यवहार की शिकायतें सामने आई हैं. खासतौर पर शंघाई एयरपोर्ट पर अरुणाचल प्रदेश की एक युवती को रोके जाने के मामले ने भारत की चिंता बढ़ाई है.
इसी घटना के बाद सरकार ने साफ कहा है कि अंतरराष्ट्रीय यात्रा से जुड़े नियमों का पालन हर हाल में होना चाहिए और किसी नागरिक को बिना वजह परेशान नहीं किया जाना चाहिए.
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शंघाई एयरपोर्ट पर अरुणाचल की युवती को रोके जाने से बढ़ी नाराजगी
जिस घटना पर विवाद खड़ा हुआ, वह लंदन से जापान जा रही भारतीय नागरिक प्रेमा वांगजोंग थोंगडोक से जुड़ी है. उनका केवल ट्रांज़िट स्टॉप शंघाई में था, लेकिन वहां इमिग्रेशन अधिकारियों ने उनके जन्मस्थान को लेकर सवाल उठाए. अधिकारियों ने यह दावा किया कि अरुणाचल प्रदेश चीन का हिस्सा है, जिस पर भारत ने तुरंत अपना विरोध दर्ज कराया. युवती के सोशल मीडिया पर अनुभव साझा करने के बाद यह मामला और सुर्खियों में आ गया.
भारत ने दिया सख्त विरोध, कहा- चीन अपने रवैये में सुधार करे
भारत सरकार ने घटना के दिन ही बीजिंग और दिल्ली में चीनी अधिकारियों के सामने कड़ा विरोध जताया. विदेश मंत्रालय के मुताबिक, चीन की ऐसी हरकतें दोनों देशों के रिश्तों में बेवजह तनाव पैदा करती हैं. भारत ने साफ संदेश दिया है कि यात्रियों को परेशान करना या दस्तावेजों पर मनमानी करना बिल्कुल स्वीकार नहीं किया जाएगा. मंत्रालय ने यह भी कहा कि चीन की तरफ से इस तरह के कदम संबंध सुधारने की प्रक्रिया को कमजोर करते हैं.
सीमा विवाद के माहौल में बढ़ती सतर्कता
पिछले एक साल में भारत और चीन के रिश्तों में थोड़ी नरमी देखने को मिली थी, खासकर लद्दाख से जुड़े मुद्दों पर बातचीत आगे बढ़ने के बाद. लेकिन अरुणाचल को लेकर चीन के बार-बार के दावे और अब एयरपोर्ट पर हुई यह घटना फिर से तनाव बढ़ाने वाली मानी जा रही है. भारत ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि अरुणाचल प्रदेश पर किसी तरह की बहस या बाहरी दखल को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है.












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