PM Modi Meets Xi Jinping in China SCO Summit: चीन के तिआनजिन शहर से आज की सबसे बड़ी खबर आ रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच एक अहम बैठक हुई. दोनों बड़े नेताओं ने गर्मजोशी से मुलाकात की. यह मुलाकात तिआनजिन के यिंगबिन होटल में करीब 40 मिनट तक चली.
SCO सम्मेलन से पहले बड़ी बैठक
प्रधानमंत्री मोदी 31 अगस्त से 1 सितंबर तक होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए चीन पहुंचे हैं. इस बड़े सम्मेलन से ठीक पहले दोनों नेताओं की यह द्विपक्षीय बैठक हुई.
#WATCH | Tianjin, China: During his bilateral meeting with Chinese President Xi Jinping, Prime Minister Narendra Modi says, "I congratulate you on China's successful chairmanship of the SCO. I thank you for the invitation to visit China and for our meeting today."
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— ANI (@ANI) August 31, 2025
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अपनी द्विपक्षीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "पिछले साल कज़ान में हमारी बहुत सार्थक चर्चा हुई थी, जिसने हमारे संबंधों को एक सकारात्मक दिशा दी. सीमा पर डिसइंगेजमेंट (सैनिकों के पीछे हटने) के बाद, शांति और स्थिरता का माहौल बना है."
#WATCH | Tianjin, China: During his bilateral meeting with Chinese President Xi Jinping, Prime Minister Narendra Modi says, "An agreement has been reached between our Special Representatives regarding border management. Kailash Mansarovar Yatra has been resumed. Direct flights… pic.twitter.com/ctxwPLlWXr
— ANI (@ANI) August 31, 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, "सीमा प्रबंधन को लेकर हमारे विशेष प्रतिनिधियों के बीच एक सहमति बनी है. कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू हो गई है. दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें भी फिर से शुरू की जा रही हैं. दोनों देशों के 2.8 अरब लोगों के हित हमारे सहयोग से जुड़े हैं. यह पूरी मानवता के कल्याण का मार्ग भी प्रशस्त करेगा. हम आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर अपने संबंधों को आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं."
पीएम मोदी और शी जिनपिंग मुलाकात की 10 बड़ी बातें
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पीएम मोदी ने चीन को SCO शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए बधाई दी.
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उन्होंने निमंत्रण के लिए आभार जताया.
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मोदी-शी मुलाकात में मानसरोवर यात्रा और सीधी उड़ान सेवा फिर शुरू होने पर सहमति बनी.
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मोदी ने कहा कि कजान में हुई पिछली बातचीत ने रिश्तों को सकारात्मक दिशा दी.
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सीमा पर तनाव कम होने से शांति और स्थिरता बनी है.
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दोनों देशों का सहयोग 2.8 अरब लोगों के हित में है.
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मोदी ने रिश्ते भरोसे, सम्मान और संवेदनशीलता पर आगे बढ़ाने की बात कही.
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शी जिनपिंग ने मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया.
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शी ने कहा भारत-चीन दुनिया के सबसे बड़े और सभ्य देश हैं.
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दोनों नेताओं ने शांति, समृद्धि और रणनीतिक साझेदारी पर जोर दिया.
VIDEO | Tianjin, China: PM Narendra Modi (@narendramodi), on his first visit to China after 7 years, holds a bilateral meeting with Chinese President Xi Jinping on the sidelines of the SCO Summit.#SCOSummit2025 #Modi #XiJinping #Tianjin
(Source - Third party)
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— Press Trust of India (@PTI_News) August 31, 2025
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अपनी द्विप-क्षीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "SCO की सफल अध्यक्षता के लिए मैं आपको बधाई देता हूं. चीन आने के निमंत्रण और आज हमारी इस मुलाकात के लिए मैं आपका धन्यवाद करता हूं."
क्यों खास है यह मुलाकात?
यह मुलाकात कई मायनों में बहुत खास मानी जा रही है:
- लंबे समय बाद चीन का दौरा: पीएम मोदी सात साल के लंबे अंतराल के बाद चीन के दौरे पर गए हैं. इससे पता चलता है कि दोनों देश अपने रिश्तों को कितनी गंभीरता से ले रहे हैं.
- भारत-चीन रिश्तों में सुधार: पिछले कुछ समय से भारत और चीन के रिश्तों में जो तनाव था, उसमें अब कुछ नरमी आई है. यह बैठक उसी सुधार की एक कड़ी है. पिछले 10 महीनों में मोदी और जिनपिंग की यह दूसरी मुलाकात है. इससे पहले दोनों नेता रूस में हुए ब्रिक्स 2024 सम्मेलन में मिले थे.
- बदलता वैश्विक समीकरण: इस बैठक का महत्व इसलिए भी बढ़ गया है क्योंकि हाल ही में भारत और अमेरिका के रिश्तों में कुछ खटास आई है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत पर 50% का भारी टैरिफ लगा दिया है. ऐसे में जब एक बड़ी शक्ति से रिश्ते तनावपूर्ण हों, तो चीन और रूस जैसे पड़ोसियों के साथ संबंधों का मजबूत होना जरूरी हो जाता है.
Prime Minister Narendra Modi holds a bilateral meeting with Chinese President Xi Jinping in Tianjin, China.
(Source: ANI/DD News) pic.twitter.com/jrjh4TrfUN
— ANI (@ANI) August 31, 2025
खबर है कि 1 सितंबर को पीएम मोदी की मुलाकात रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी हो सकती है. कुल मिलाकर, यह सिर्फ एक सामान्य द्विपक्षीय बैठक नहीं है, बल्कि बदलते वैश्विक समीकरणों के बीच भारत की विदेश नीति का एक अहम कदम है, जिस पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं.













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