Aadhaar Face Authentication: आधार फेस ऑथेंटिकेशन क्यों जरूरी है, कहां हो रहा है इसका इस्तेमाल? 10 अगस्त तक 200 करोड़ लेनदेन का आंकड़ा पार
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Aadhaar Face Authentication: आधार फेस ऑथेंटिकेशन ने जुलाई 2025 में एक नया कीर्तिमान बना दिया है. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अनुसार, आधार फेस ऑथेंटिकेशन ने 10 अगस्त तक 200 करोड़ लेनदेन का आंकड़ा पार कर लिया है. खास बात यह है कि यह संख्या केवल 6 महीनों में दोगुनी हो गई है. यह पिछले साल जुलाई के 5.77 करोड़ की तुलना में तीन गुना से भी ज्यादा हैं. जून की तुलना में इसमें 22% की बढ़ोतरी हुई है, जो इस तकनीक की बढ़ती लोकप्रियता और उपयोगिता को दर्शाता है. जुलाई में ही फेस ऑथेंटिकेशन का अब तक का सबसे बड़ा सिंगल-डे रिकॉर्ड भी बना.

1 जुलाई को 1.22 करोड़ लेनदेन हुए, जबकि पिछला रिकॉर्ड 1.07 करोड़ का था जो इस साल 1 मार्च को दर्ज हुआ था.

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आधार फेस ऑथेंटिकेशन 200 करोड़ के पार

UIDAI के सीईओ ने क्या बताया?

UIDAI के सीईओ भुवनेश कुमार ने इस उपलब्धि को आधार के सुरक्षित, समावेशी और स्केलेबल इकोसिस्टम में लोगों के भरोसे का सबूत बताया. उन्होंने कहा कि यह तकनीक पूरे देश में तुरंत और संपर्क रहित आईडी वेरिफिकेशन की सुविधा देती है, जिससे सरकारी सेवाओं, कल्याणकारी योजनाओं और कई निजी क्षेत्रों में पहचान की प्रक्रिया और भी आसान हो गई है.

सरकारी विभागों में  आधार फेस ऑथेंटिकेशन

फिलहाल 150 से ज्यादा सरकारी विभाग, वित्तीय संस्थान, तेल कंपनियां और टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर फेस ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल कर रहे हैं. यह AI-आधारित तकनीक एंड्रॉयड और iOS दोनों प्लेटफॉर्म पर काम करती है और सेवाओं व लाभों की सुरक्षित डिलीवरी सुनिश्चित करती है.

SSC-RRB में भी आधार फेस ऑथेंटिकेशन

इसके अलावा, नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) के तहत आने वाले सभी 850 मेडिकल कॉलेज और संस्थानों में स्टाफ की अटेंडेंस के लिए फेस ऑथेंटिकेशन लागू किया गया है. स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (SSC) और रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (RRB) जैसे बड़े भर्ती संस्थान भी उम्मीदवारों के पंजीकरण और सत्यापन में इसका इस्तेमाल कर रहे हैं.

NSAP में भी इस सुविधा को जोड़ा गया

राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP) में भी इस सुविधा को जोड़ा गया है, जिससे लाभार्थी बिना किसी भौतिक दस्तावेज के सुरक्षित तरीके से अपनी पहचान सत्यापित कर सकते हैं. जुलाई से अब तक 13.66 लाख लाभार्थियों ने इस प्रक्रिया का इस्तेमाल किया है.

221 करोड़ आधार ऑथेंटिकेशन ट्रांजैक्शन

जुलाई में UIDAI ने कुल 221 करोड़ आधार ऑथेंटिकेशन ट्रांजैक्शन दर्ज किए, जो पिछले साल की तुलना में 3.8% ज्यादा हैं. इसी महीने 39.56 करोड़ ई-केवाईसी ट्रांजैक्शन भी हुए. ई-केवाईसी सेवा बैंकिंग और गैर-बैंकिंग वित्तीय सेवाओं जैसे क्षेत्रों में ग्राहक अनुभव और व्यापार में आसानी को बढ़ा रही है.

आधार फेस ऑथेंटिकेशन है जरूरी!

इन आंकड़ों से साफ है कि आधार फेस ऑथेंटिकेशन अब सिर्फ पहचान सत्यापन का साधन नहीं, बल्कि कल्याणकारी योजनाओं की प्रभावी डिलीवरी और रोजमर्रा की सुविधाओं तक आसान पहुंच का अहम जरिया बन चुका है.