अभिनेता अक्षय कुमार (Akshay Kumar) और पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के इंटरव्यू का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इस इंटरव्यू में नरेन्द्र मोदी ने अपनी जिंदगी से जुड़ी कई बातें बताई है. इंटरव्यू में उन्होंने बहुत ही रोचक खुलासे किए हैं. उन्होंने बताया की विपक्षी पार्टियों के बीच तनाव होने का मतलब ये नहीं की पार्टी के लोगों से भी तनाव हो. उन्होंने बताया कि तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी उनके लिए साल में 1-2 कुर्ते भेजती हैं. वहीं बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना साल में 3-4 बार ढाका से खासतौर पर उनके लिए मिठाइयां भेजती हैं.
इंटरव्यू के दौरान अक्षय कुमार ने उनसे कई सवाल पूछे और मोदी ने सभी सवालों के दिल खोलकर जवाब दिए. अक्षय ने पीएम मोदी से जब पूछा मैं अपनी मां के साथ रहता हूं. आपको भी तो मन करता होगा मां, भाई और रिश्तेदारों के साथ रहने का. इस बात पर पीएम ने जवाब दिया कि, 'मैंने छोटी सी उम्र में सब कुछ छोड़ दिया. मोह माया सब कुछ छोड़ दिया. जब मन करता है मां से मिलने चला जाता हूं या बुला लेता हूं. 'लेकिन मेरी मां कहती है कि तुम मेरे पीछे क्यों टाइम खराब करते हो.
#WATCH: PM Narendra Modi and Akshay Kumar’s interaction at 7 Lok Kalyan Marg (LKM) in Delhi. https://t.co/5FodYsR4ZN
— ANI (@ANI) April 24, 2019
ममता दीदी साल में आज भी मेरे लिए एक-दो कुर्ते भेजती है।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना जी साल में 3-4 बार खास तौर पर ढाका से मिठाई भेजती हैं। ममता दीदी को पता चला तो वो भी साल में एक-दो बार मिठाई जरूर भेज देती हैं: पीएम #ModiWithAkshay #BharatKaGarvModi pic.twitter.com/Ujh44mI7fF
— BJP (@BJP4India) April 24, 2019
अगर मैं प्रधानमंत्री बनकर घर से निकला होता, तो मेरा मन रहता की सब वहीं रहे।
लेकिन मैंने बहुत छोटी उम्र में घर छोड़ दिया था और इसलिए लगाव, मोहमाया सब मेरी ट्रैनिग के कारण छूट गया: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीhttps://t.co/HeuNy57wf8 #ModiWithAkshay pic.twitter.com/UAzeQh3EZw
— BJP (@BJP4India) April 24, 2019
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अक्षय ने जब नरेन्द्र मोदी से रिटायर्मेंट प्लान के बारे में पूछा तो उन्होंने एक और किस्सा सुनाया. उन्होंने बताया कि एक बार उनकी अटल जी, आडवाणी जी, राजमाता सिंधिया जी, प्रमोद महाजन जी के साथ बातचीत चल रही थी. उसमें सबसे छोटी उम्र का मैं था. मीटिंग में जब एक दूसरे से पूछा गया कि रिटायरटमेंट के बाद क्या करेंगे. तब सबने अपनी-अपनी बात कही, लेकिन जब मेरी बारी आई तो मेरे पास कहने को कुछ नहीं था. मैंने कभी इस बारे में सोचा ही नहीं. जो जिम्मेदारी मिली, उसी को अपनी जिंदगी बना लिया.