'I Love Mohammad' विवाद क्या है? यूपी के Kanpur से शुरू हुआ बवाल पूरे देशभर में कैसे पहुंचा, एक क्लिक में जानें सबकुछ
'I Love Mohammad' Controversy/@abuasimazmi/X

'I Love Mohammad' Controversy: उत्तर प्रदेश के कानपुर से शुरू हुआ 'I Love Mohammed' पोस्टर विवाद धीरे-धीरे पूरे प्रदेश और पड़ोसी राज्य उत्तराखंड (Uttarakhand) में फैल गया है. ईद मिलादुन्नबी (Barawafat) के जुलूस से पहले लगाए गए एक बिलबोर्ड से शुरू हुआ यह मुद्दा अब कई जिलों में विरोध और तनाव का कारण बन गया है. दरअसल, यह विवाद कानपुर के सैयद नगर मोहल्ले (Syed Nagar Mohalla) में 4 सितंबर को लगाए गए एक लाइट बोर्ड को लेकर शुरू हुआ था. एक पक्ष ने बोर्ड पर लिखे संदेश पर आपत्ति जताई, जबकि दूसरे पक्ष ने उसे हटाने से इनकार कर दिया. मामला बढ़ता देख प्रशासन (Kanpur Administration) ने बोर्ड हटा दिया और दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की.

हालांकि, अगले दिन, बारावफात के जुलूस (Barawafat Procession) के दौरान पोस्टर फाड़े जाने और नए बैनर लगाए जाने पर विवाद और बढ़ गया. इसके बाद, कानपुर पुलिस (Kanpur Police) ने उन पर धार्मिक भावनाएं भड़काने और सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगाते हुए एक FIR दर्ज की.

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लखनऊ, बरेली और कौशांबी में प्रोटेस्ट

मामला यहीं नहीं रुका. यह विवाद तेजी से कौशांबी, बरेली, लखनऊ, भदोही और पीलीभीत जैसे जिलों में फैल गया. कई जगहों पर विरोध मार्च ('I Love Mohammad' Protest) निकाले गए, जिन्हें पुलिस ने रोकने की कोशिश की. कुछ जगहों पर बहस और हाथापाई भी हुई. पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार भी किया.

उत्तराखंड में भी बवाल, चला बुलडोजर

उत्तराखंड में भी इस विवाद ने तूल पकड़ लिया है. काशीपुर (Kashipur 'I Love Mohammad' Protest) में एक अनधिकृत जुलूस के कारण हिंसा भड़क उठी. वाहनों में तोड़फोड़ की गई और पुलिस अधिकारियों पर हमला किया गया. इसके बाद, धामी सरकार (Dhami government) ने कड़ा रुख अपनाया और बुलडोजर (Bulldozer Action) चलाकर आरोपियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी.

 पुलिस द्वारा कड़ी कार्रवाई की चेतावनी

पुलिस (Uttarakhand Police) अधिकारियों का कहना है कि बारावफात के जुलूस में पारंपरिक तरीकों की बजाय नए तरीके अपनाए जा रहे हैं, जिसके चलते यह विवाद हुआ है. प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि बिना अनुमति के निकाले गए किसी भी जुलूस या विरोध प्रदर्शन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. कई ज़िलों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है और आरोपियों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज की मदद ली जा रही है.

हालांकि, यह विवाद कानपुर से शुरू हुआ था, लेकिन अब यह पूरे राज्य में क़ानून-व्यवस्था के लिए एक चुनौती बन गया है.