Scrub Typhus: क्या है सदियों पुरानी जानलेवा बीमारी स्क्रब टाइफस? शिमला में मिले इसके 4 मरीज, चिकनगुनिया जैसे होते हैं लक्षण
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के बीच एक और घातक बीमारी ने दस्तक दे दी है. इस बीमारी का नाम है स्क्रब टाइफस (Scrub Typhus) और इसके राज्य में कई मरीज मिले हैं. यह बीमारी चूहा, छछूंदर और गिलहरी के जरिए फैलती है.
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के बीच एक और घातक बीमारी ने दस्तक दे दी है. इस बीमारी का नाम है स्क्रब टाइफस (Scrub Typhus) और इसके राज्य में कई मरीज मिले हैं. यह बीमारी चूहा, छछूंदर और गिलहरी के जरिए फैलती है. शिमला स्थित इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (IGMC Shimla) के मेडिकल अधीक्षक डॉ जनक राज (Dr Janak Raj) ने बताया कि आईजीएमसी शिमला में चार व्यक्तियों की स्क्रब टाइफस रिपोर्ट्स पॉजिटिव आई है. अभी खत्म नहीं हुई कोरोना की दूसरी लहर! आंकड़े देखकर आप भी हो जाएंगे सचेत, वैक्सीन ही है सबसे बड़ा हथियार
क्या है स्क्रब टाइफस?
'स्क्रब टाइफस' को 'बुश टाइफस' (Bush Typhus) भी कहा जाता है. स्क्रब टाइफस ऑरेंटिया सुतसुगामुसी जीवाणु (Bacterium Orintia Tsutsugamushi) के कारण होने वाली एक गंभीर बीमारी है जो मिट्टी में मौजूद संक्रमित लार्वा घुन के काटने से फैलता है. हिमाचल एक ऐसा स्थानिक क्षेत्र है जहां स्क्रब वनस्पति प्रचुर मात्रा में पाई जाती है. विशेषज्ञ स्क्रब टाइफस को दो सौ साल पुरानी वायरस से होने वाली बीमारी बताते है. सामान्य तौर पर चूहों के शरीर पर पाए जाने वाले जीवाणु (ओरियंटा सुसु कैमोसी) के कारण यह बीमारी होती है.
क्या है संक्रमण के लक्षण?
इस बीमारी में चिकनगुनिया की तरह सामान्य बुखार के साथ शरीर में छोटे-छोटे दाने, चकत्ते होते हैं. इसलिए ऐसे लक्षण होने पर लोगों को तुरंत ही उपचार कराना चाहिए. बीमारी में बुखार के अलावा सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सांस फूलना, खांसी, जी मितलाना, उल्टी होना अन्य लक्षण हैं. कुछ मामलों में शरीर पर सूखे चकते भी हो सकते हैं.
नहीं बरते लापरवाही!
लोग साफ-सफाई पर ध्यान देने के साथ चूहों से बचाव कर इस बीमारी की चपेट में आने से बच सकते है. इस बीमारी से घबराने की जरूतर नहीं हैं क्योंकि इसका इलाज है, समय पर यदि बीमारी का पता चल जाए, तो इसे ठीक किया जा सकता है. मगर लापरवाही बरतने पर यह बीमारी गंभीर रुप ले लेती है. समय पर उपचार होने से बीमारी पांच दिन में ही ठीक हो जाती है. नगालैंड के नोकलाक जिले में ‘स्क्रब टाइफस’ बीमारी का प्रकोप, अब तक 5 की मौत
कैसे करें बचाव?
लोग साफ-सफाई पर ध्यान देने के साथ चूहों से बचाव कर इस बीमारी की चपेट में आने से बच सकते है. स्क्रब टाइफस बीमारी चूहा, छछून्दर गिलहरी आदि से फैलती है, इसलिए इनके द्वारा कुतरे गए फल अथवा खाए गए खाद्य पदार्थ का सेवन न करें. जब भी फल आदि खाएं तो उसे धोकर खाना चाहिए, खाना खुला न छोड़ें.
चिकित्सकों के अनुसार इससे बचने के लिए खेतों में काम करते समय हाथ-पैर को ढक कर रखना चाहिए एवं साफ सफाई का पालन करना चाहिए. बुखार आने पर जांच जरूर कराएं, इस बीमारी में सर्तकता ही सबसे बड़ा उपचार है, समय रहते यदि बीमारी को पकड़ लिया जाए, तो इससे बचा जा सकता है.